सारांश, 3 सितंबर 2024 को फुलवारी शरीफ में गौ तस्करों ने एक ट्रक में 46 गौवंश को क्रूरता से भर दिया, जिसमें कई गौ वंशों की मृत्यु हो गई और अन्य घायल हो गए। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ट्रक को पकड़ा और घायल गौ वंश का इलाज संगत आश्रम में कराया। 4 सितंबर को पुलिस ने 38 गौवंश को जप्त किया, लेकिन 8 मरणासन्न गौ वंश बच नहीं पाए। 6 सितंबर को पुनर्वास के दौरान झड़प हुई, जिसमें 31 लोगों को हिरासत में लिया गया। सिटी एसपी ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की तैनाती की। राजनीतिक पार्टियों पर हिंदू समाज को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है।
तारीख: 03.09.2024
3 तारीख की रात में फुलवारी शरीफ में गौ तस्करों द्वारा एक ट्रक (नंबर BR 33 GB 8487) में तीन परतों में 46 गौवंश को ठूंस-ठूंस कर बेहद क्रूरता से भरा गया था, जिन्हें काटने के लिए ले जाया जा रहा था। इस क्रूरता के कारण कई गौवंश और उनके बछड़ों की ट्रक के अंदर ही मृत्यु हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए। इन गौवंश को फुलवारी शरीफ से मुजफ्फरपुर बेचने के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन बजरंग दल के गौ रक्षक कार्यकर्ताओं ने ट्रक को पकड़ लिया। सभी गौवंश को अपने कब्जे में लेकर उनका उपचार भी करवाया।
एक ही ट्रक में सभी घायल गौवंश का तत्काल इलाज संगत आश्रम में किया गया। इन मवेशियों को किसी अन्य गौशाला में ले जाना संभव नहीं था, इसलिए संगत आश्रम में ही उनकी चिकित्सा की गई। हालांकि, संगत आश्रम में गौवंशों के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी, इसलिए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा तात्कालिक व्यवस्था की गई। आपको बता दें कि ध्यान फाउंडेशन और गौ ज्ञान फाउंडेशन से जुड़ी आर. लता देवी की सहायता से तत्काल चारा, पानी और चिकित्सक उपलब्ध कराए गए। साथ ही, गोकुलधाम गौसेवा महातीर्थ झज्जर से पशु एम्बुलेंस बुलाकर चिकित्सा की गई। इसके बावजूद लगभग 8 गौवंश और उनके बछड़ों की मृत्यु हो गई, जबकि बचे हुए 38 गौवंशों में से लगभग 10 गंभीर रूप से घायल थे।
गौ रक्षक कार्यकर्ताओं के अनुसार, सभी गौवंश को नशीले पदार्थ खिलाए गए थे। साथ ही, गौवंश के पैरों को इसलिए तोड़ दिया गया था ताकि उन्हें आसानी से ट्रक में ठूंसा जा सके। उपचार के दौरान कुछ गौवंश और उनके बछड़ों की मृत्यु हो गई। वहीं, गौवंश की तस्करी कर रहे ड्राइवर और खलासी फरार बताए जा रहे हैं। ट्रक में 46 गौवंश थे, जिनमें बछड़े भी शामिल थे। स्थानीय निवासियों और एक बजरंग दल के कार्यकर्ता के अनुसार, गौवंश को बचाने के बाद जब उन्हें ट्रक से उतारा जा रहा था, तभी 50 से 60 की संख्या में एक विशेष समुदाय के लोग धारदार हथियारों के साथ गौवंश को अपने कब्जे में लेने के लिए आए थे। इसके बाद, पुलिस ने स्थिति को शांत किया।
तारीख: 04.09.2024
4 तारीख को फुलवारी शरीफ थाना द्वारा कुल 46 में से 8 गौवंश और उनके बछड़ों की मृत्यु के बाद 38 गौवंशों को जप्त किया गया। आपको बता दें कि 34 गौवंशों को एम्बुलेंस की सहायता से फुलवारी शरीफ में स्थित उदासीन मठ संगत आश्रम में लाकर रखा गया, जबकि शेष 4 गौवंश मरणासन्न स्थिति में फुलवारी तालाब पर पड़े रहे, जिन्हें नहीं लाया जा सका।
राजीव कुमार सिंह, पिता - श्री नवरंग सिंह, निवासी - चित्रगोपी, थाना - जम्होर, जिला - औरंगाबाद, बिहार, जो भारतीय गौवंश रक्षण संवर्धन परिषद् के कार्यकर्ता और गौ ज्ञान फाउंडेशन के स्वयंसेवक हैं, के ज्ञापन के अनुसार, "सभी मवेशियों को पशु तस्कर मो. इसराफिल आलम, पिता - इसरार आलम, निवासी - आदमपुर, थाना - नौबतपुर, जिला - पटना द्वारा तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था। वाहन में दो अन्य पशु तस्कर भी मौजूद थे, जिन्होंने अपने नाम क्रमशः इसराइल और राजेंद्र बताए। पुलिस द्वारा वाहन की जांच के दौरान पाया गया कि गायों को छोटी रस्सियों के सहारे वाहन की छत से लटकाकर बुरी तरह से बांधा गया था, और छोटे-छोटे बछड़े बड़े जानवरों के खुरों से कुचल गए थे। प्रतीत होता था कि वाहन को राजमार्ग पर बेहद लापरवाही और खतरनाक रफ्तार से चलाया जा रहा था। वाहन के अंदर सभी मवेशी एक-दूसरे पर गिरकर बुरी तरह से छटपटा रहे थे। कोई भी संवेदनशील पशुपालक अपने मवेशियों के साथ ऐसा बर्ताव नहीं कर सकता।"
राजीव कुमार सिंह द्वारा प्रशासन से यह भी आग्रह किया गया कि जप्त वाहन के स्वामी का सत्यापन करते हुए, वाहन स्वामी, कथित पशु स्वामी/पशु व्यापारी और अन्य संलिप्त पशु तस्करों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 281, 303, 317(4), 317(5) तथा बिहार पशु संरक्षण एवं सुधार अधिनियम 1955 की धारा 3, 4 और 4B, और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए। आप राजीव कुमार सिंह द्वारा दी गई ज्ञापन को नीचे तस्वीर में पढ़ सकते हैं।
राजीव कुमार सिंह जी ने फुलवारी शरीफ के थानाध्यक्ष को एक ज़मानत पत्र का ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें उन्होंने सुरक्षित गौवंश को ध्यान फाउंडेशन की चंदन या चाकुलिया स्थित बड़ी गौशाला में पुनर्वासित करने की बात कही, और बीमार गायों को वनदेवी माता मंदिर स्थित चिकित्सालय में भिजवाकर उपचार कराने की बात की। साथ ही, उन्होंने बताया कि पुनर्वास किए जाने के बाद ज़मानत पत्र की अद्यतन प्रति थाना और संबंधित न्यायालय को उपलब्ध करा दी जाएगी। उपरोक्त शर्तों के तहत, सभी मवेशियों को ज़मानत पर देने का अनुरोध किया गया, और आवश्यकता पड़ने पर माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार गौवंश को प्रस्तुत करने की बात भी कही। ज़मानत पत्र की तस्वीर आप नीचे देख सकते हैं।
तारीख: 06.09.2024
6 तारीख की दोपहर करीब 2:30 बजे, जब बजरंग दल के कार्यकर्ता गौवंश को सुरक्षित पुनर्वासित करने के लिए ट्रक में सुरक्षित तरीके से लोड कर रहे थे, तभी विशेष समुदाय के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया। इसके बाद दोनों पक्षों में थोड़ी बहुत झड़प हुई, जिसमें कुछ लोगों को चोटें भी आईं। बाद में पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को शांत कराया। झड़प के बाद दोनों पक्षों से 31 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया और उन पर प्राथमिकी भी दर्ज की। आपको बता दें कि पुलिस ने मुस्लिम पक्ष के 14 और हिंदू पक्ष के 17 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की। इनके नाम इस प्रकार हैं:
मुस्लिम पक्ष से:
1. मो. शमशाद, उम्र लगभग 19 वर्ष
2. मो. नियामतुल्लाह, उम्र लगभग 45 वर्ष
3. मो. मोनन, उम्र लगभग 19 वर्ष
4. मो. आजाद, उम्र लगभग 18 वर्ष
5. मो. शादिक, उम्र लगभग 36 वर्ष
6. मो. इकबाल, उम्र लगभग 30 वर्ष
7. मो. सफीक, उम्र लगभग 25 वर्ष
8. अतहर हुसैन, उम्र लगभग 22 वर्ष
9. मो. सकीउल्लाह, उम्र लगभग 18 वर्ष
10. गो. इरफान
11. मो. आदिल
12. अलतमश
13. मो. हुसैन
14. शाहिल
हिंदू पक्ष से:
15. राजीव कुमार सिंह, उम्र लगभग 45 वर्ष
16. हरेन्द्र कुमार सिंह, उम्र लगभग 44 वर्ष
17. राहुल कुमार, उम्र लगभग 25 वर्ष
18. रंजीत कुमार, उम्र लगभग 22 वर्ष
19. राजकुमार, उम्र लगभग 21 वर्ष
20. शाश्वत ओझा उर्फ शाश्वत कश्यप, उम्र लगभग 22 वर्ष
21. सत्यम कुमार, उम्र लगभग 22 वर्ष
22. विक्की कुमार, उम्र लगभग 17 वर्ष
23. सुरेश महतो, उम्र लगभग 36 वर्ष
24. सुधांशु रंजन
25. संजय ठाकुर
26. राकेश कुमार
27. राहुल कुमार
28. अमित भारती
29. धीरज कुमार
30. अभिषेक कुमार
31. मुकेश कुमार
इन लोगों पर विधि व्यवस्था बिगाड़ने, उपद्रव मचाने, पुलिस के कार्य में बाधा उत्पन्न करने, पुलिस कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करने और पुलिस प्रशासन व दंडाधिकारी के आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में धारा 191(2), 191(3), 190, 115(2), 118(1), 117(2), 132, 121(1), 125(ए), 109, 293 बीएनएस और अन्य संबंधित धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया गया। आपको बता दें कि 6 तारीख की रात को इन सभी लोगों को अलग-अलग थानों में रखा गया था। कुछ लोगों को फुलवारी थाना, कुछ को रूपसपुर थाना, कुछ को शाहपुर थाना, कुछ को दानापुर थाना, कुछ को नासरीगंज थाना, कुछ को दीघा थाना और कुछ को राजीव नगर थाना में पुलिस द्वारा हिरासत में रखा गया था।
इस मामले पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस द्वारा लगाई गई सभी धाराएं बेबुनियाद हैं। साथ ही, उन्होंने पुलिस पर यह भी आरोप लगाया है कि कई ऐसे लोगों को भी गिरफ्तार किया गया जो किसी भी तरह से घटना में शामिल नहीं थे। 6 तारीख को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी गौरक्षकों की रिहाई के लिए बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता रात भर अलग-अलग पुलिस थानों के बाहर मौजूद रहे। हर प्रयास के बावजूद पुलिस ने 6 तारीख की रात तक गौरक्षकों को रिहा नहीं किया। पुलिस थानों के बाहर संगठन के कार्यकर्ता भूखे-प्यासे अपने मित्रों की रिहाई का इंतजार करते रहे, और देखते ही देखते कब सुबह हो गई, इसका किसी को पता भी नहीं चला।
तारीख: 07.09.2024
7 तारीख की सुबह, पुलिस ने चालान काटा और दोनों पक्षों के सभी आरोपियों को एक बड़ी वैन की मदद से अलग-अलग थानों से इकट्ठा करना शुरू किया। इसके बाद सभी को पटना कोर्ट के नजदीक फिजिकल जांच के लिए PMCH ले जाया गया। दूसरी ओर, दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी-अपनी कागजी कार्यवाही शुरू कर दी थी। बजरंग दल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के सभी कार्यकर्ता कोर्ट परिसर में अपने गौ रक्षक भाइयों के समर्थन में मौजूद थे।
जय श्री राम के नारे :
दोनों पक्षों के लगभग सभी आरोपियों के परिवारजन भी कोर्ट में पहुंच चुके थे, ताकि उनके परिजनों को रिहाई मिल सके। देखते-देखते शाम के 5 बज गए, और पुलिस ने सभी आरोपियों को कोर्ट परिसर में लाया। इसके बाद, आरोपियों के परिवारजन बिलख-बिलख कर रोने लगे और पुलिस पर आरोप लगाया कि सभी को बेबुनियाद धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। करीब 7:00 बजे, कोर्ट में कागजी कार्रवाई के बाद आरोपियों को छज्जूबाग ले जाया गया। इसके बाद, जज के आदेश के अनुसार सभी आरोपियों को बेऊर जेल शिफ्ट कर दिया गया। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि रविवार को छुट्टी होने के कारण, सोमवार को बची हुई कागजी कार्रवाई के बाद सभी गौ रक्षकों को मंगलवार तक बेल मिल जाएगी। इन सभी घटनाक्रम के बीच एक दिलचस्प बात यह भी सामने आई कि बजरंग दल के सभी गौ रक्षकों को जब पुलिस वाहन में बैठाया जा रहा था, तब सभी बजरंगियों ने एक साथ जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे भी लगाए।
सिटी एसपी का बयान :
इस मामले पर फलवारीशरीफ, पटना के सिटी एसपी पश्चिमी अभिनव धीमान ने फुलवारी शरीफ के संगत पर हुए दो समुदाय के बीच मारपीट पथराव मामले में प्रेस बयान जारी किया है। सिटी एसपी ने कहा है की दिनांक 03/04.09.24 की रात्रि में फुलवारीशरीफ थाना के पुलिस की सहायता से एक ट्रक पर लोडेड 38 मवेशियों को सुरक्षित जप्त करके संगत स्थित गौशाला पर देखभाल के लिये रखा गया था. आज दि०- 06.09.24 को समय करीब 02: 30 बजे बिना पुलिस को सुचना एवं बिना माननीय न्यायालय से अनुमति लिये गौशाला से दुसरे जगह मवेशी को ले जाया जा रहा था, इसी क्रम में एक पक्ष के द्वारा विरोध किया गया जिसके वजह से दोनो पक्षो में विवाद हुआ जिसे पुलिस द्वारा तुरंत मौके पर पहुंच कर शांत करा दिया गया। हिरासत में लेकर पूछताछ कि जा रही है। घटना को लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए वहां पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. दण्डाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति के साथ साथ विडियोग्राफी एव ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। पुलिस द्वारा द्वारा फलैग मार्च कर के सौहार्द पुर्ण महौल बनाया जा रहा है। साथ ही आम जन से अनुरोध किया गया कि शांति व्यवस्था बनाए रखे एवं घटना में सम्मिलित संदिग्धों की पहचान गोपनीय तरीके से पुलिस के साथ साझा करें।
निष्कर्ष :
इस मामले पर हमारा विचार यह है कि भारत में हिंदू समाज की आबादी लगभग 80% है, इसलिए दूसरे समुदाय को ऐसी कोई भी घटना नहीं करनी चाहिए जिससे हिंदू बहुल समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हों। बावजूद इसके, हर वर्ष भारत के विभिन्न हिस्सों से दूसरे समुदायों द्वारा हिंदू भावनाओं को आहत करने की खबरें आती रहती हैं। राजनीतिक पार्टियां, चाहे वह बीजेपी हो, कांग्रेस हो, या अन्य क्षेत्रीय पार्टियां, केवल हिंदू समाज को जातिगत विभाजन में बांटकर उन्हें एक वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती हैं। आज़ादी के बाद से हमने देखा है कि हिंदू समाज को केवल एक वोट बैंक के रूप में ही इस्तेमाल किया गया है।
जब भी हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को किसी अन्य समुदाय द्वारा आहत किया जाता है, तब यह राजनीतिक पार्टियां उल्टा हिंदू समाज से ही सवाल करती हैं, ताकि वे अपनी तुष्टिकरण की राजनीति से राजनीतिक लाभ उठा सकें। यही हमें इस मामले में भी देखने को मिला।