🔥 प्रस्तावना: जासूसी की दुनिया में नया इतिहास
मध्य-पूर्व के बढ़ते तनाव के बीच एक नाम पूरी दुनिया की सुरक्षा एजेंसियों के कानों में गूंज रहा है – कैथरीन पेरेज़ शेकेड। यह नाम अब इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के इतिहास में सबसे सफल और चर्चित अभियानों में से एक का पर्याय बन गया है। फ्रांसीसी मूल की यह महिला एजेंट पिछले दो वर्षों से ईरान में जमी हुई थी, एक ऐसा देश जो इजरायल के लिए हमेशा खतरे की घंटी रहा है। कैथरीन की वजह से इजरायल ने न केवल ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों को खत्म किया, बल्कि उसके परमाणु वैज्ञानिकों की पूरी पीढ़ी को भी नेस्तनाबूद कर दिया।
👩🎓 मिशन की शुरुआत: एक आम लड़की से सुपरस्पाई बनने का सफर
कैथरीन पेरेज़ शेकेड को दो साल पहले मोसाद द्वारा “मिशन ईरान” पर नियुक्त किया गया। उस वक्त वह फ्रांस में एक सामाजिक कार्यकर्ता और भाषा विशेषज्ञ के रूप में काम कर रही थी। मोसाद की अत्यंत कठिन ट्रेनिंग प्रक्रिया को पास करने के बाद उसे इस अत्यंत गोपनीय अभियान पर भेजा गया। ट्रेनिंग में शामिल थी – मनोवैज्ञानिक युद्ध, धार्मिक और सांस्कृतिक घुसपैठ, साइबर जासूसी, सामाजिक इंजीनियरिंग, और सबसे अहम, साज़िशों को अमली जामा पहनाना।
🕋 इस्लाम कबूलने का नाटक: ईरानी समाज में घुसपैठ
ईरान पहुंचने के बाद कैथरीन ने इस्लाम धर्म कबूलने का नाटक किया और खुद को एक धार्मिक जिज्ञासु बताकर शिया मुस्लिम समाज का हिस्सा बना लिया। वह मस्जिदों और धार्मिक सभाओं में जाने लगी, जहां धीरे-धीरे उसने शीर्ष ईरानी सैन्य अधिकारियों की पत्नियों से जान-पहचान बढ़ाई। उसका मकसद था: परिवारों में घुसपैठ कर, अधिकारियों तक सीधी पहुंच बनाना। जल्द ही वह कई वरिष्ठ अधिकारियों के घरों की 'भरोसेमंद मेहमान' बन गई।
💃 हुस्न, चालाकी और चुपचाप बिछती जाल
कैथरीन की खूबसूरती, विनम्रता और तीव्र बुद्धिमत्ता ने ईरानी सैन्य अफसरों और उनके परिवारों का विश्वास जीत लिया। धीरे-धीरे वह ईरान के रक्षा मंत्रालय, परमाणु कार्यक्रम और आईआरजीसी के शीर्ष अधिकारियों के बेडरूम तक पहुंच गई। वहां से वह अत्यंत गोपनीय दस्तावेजों, ठिकानों की तस्वीरें और बैठक की योजनाओं को इकट्ठा कर मोसाद को भेजती रही। उसका नेटवर्क इतना मजबूत था कि सुरक्षा एजेंसियां भी उस पर शक नहीं कर पाईं।
💻 जासूसी नेटवर्क: घरों से मोसाद तक डेटा की सीधी लाइन
कैथरीन ने उन घरों में माइक्रो-डिवाइसेज लगाए जहां प्रवेश असंभव माना जाता था। वह IRGC और परमाणु वैज्ञानिकों के घरों की रोज़मर्रा की गतिविधियों की जानकारी जुटा रही थी। उसने कई बार परिवार के निजी पलों की तस्वीरें तक खींचकर भेजीं, ताकि मोसाद को हर व्यक्ति की जीवनशैली, चाल-ढाल और कमजोरियों का अंदाज़ा लग सके। इस पूरे दौरान कोई भी व्यक्ति यह नहीं समझ पाया कि यह खूबसूरत महिला दरअसल मौत का पैगाम लेकर आई थी।
💣 12-13 जून: तबाही की रात
12-13 जून की रात, इजरायल ने अचानक ईरान के विभिन्न सैन्य और वैज्ञानिक ठिकानों पर हमला किया। हमले इतने सटीक और तेज़ थे कि ईरानी अधिकारी संभल भी नहीं पाए। हर वह जगह जहां ईरान के टॉप सैन्य अफसर छिपे हुए थे – उनपर हमला हुआ। यह स्पष्ट हो गया कि किसी ने ईरान के भीतर से इन सभी ठिकानों की सटीक जानकारी दी थी, और वह कोई और नहीं, बल्कि कैथरीन थी। ईरान के खिलाफ यह सबसे असरदार और सटीक खुफिया हमला था।
🏃♀️ जांच और पर्दाफाश: जब बहुत देर हो चुकी थी
हमलों के बाद ईरानी खुफिया एजेंसी ने जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज, तस्वीरों, और गुप्त संचार का विश्लेषण किया। तब जाकर उन्हें कैथरीन का चेहरा नज़र आया – जो कई अधिकारियों के साथ तस्वीरों में थी। अब सुरक्षा एजेंसी ने देशभर में उसके पोस्टर और अलर्ट जारी किए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, कैथरीन पहले ही देश छोड़ चुकी थी और अब किसी तीसरे देश में शरण में है।
🧠 कैथरीन का असर: ईरानी सैन्य ढांचे में तबाही
इस एक महिला एजेंट की वजह से ईरान को जिस नुकसान का सामना करना पड़ा है, वो अभूतपूर्व है। ईरानी खुफिया एजेंसी ने इसे इजरायल द्वारा अब तक का सबसे सफल मानवीय खुफिया हमला माना है। यह जासूसी ऑपरेशन एक बार फिर साबित करता है कि मोसाद केवल तकनीक नहीं, इंसानी कौशल में भी दुनिया की सबसे घातक एजेंसी है।
🧾 आखिर में: आंकड़ों की जुबानी तबाही
ईरान के मारे गए टॉप 8 सैन्य अधिकारी
- मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी – सशस्त्र सेनाओं के चीफ ऑफ स्टाफ
- मेजर जनरल हुसैन सलामी – IRGC के कमांडर
- मेजर जनरल ग़ुलाम अली राशिद – खतम-अल-अंबिया कमांडर
- मेजर जनरल अमीर अली हाजीज़ादेह – IRGC एयरोस्पेस यूनिट प्रमुख
- दावूद शेख़ियान – एयर डिफेंस यूनिट प्रमुख
- ग़ुलामरेज़ा मेहराबी – खुफिया डिप्टी
- मेहदी रब्बानी – सैन्य ऑपरेशन्स के उप प्रमुख
- अली शादमानी – खतम-अल-अंबिया के नए कमांडर (17 जून को मारे गए)
ईरान के मारे गए 7 टॉप परमाणु वैज्ञानिक
- फरिदून अब्बासी-दवानी – वरिष्ठ वैज्ञानिक
- मोहम्मद मेहदी तहरांची – परमाणु कार्यक्रम विशेषज्ञ
- सईद बोरजी – शोधकर्ता
- अहमदरेज़ा ज़ोलफग़ारी – भौतिकी प्रोफेसर
- अब्दुलहमीद मिनुचेहर – वैज्ञानिक
- सैयद अमीर हुसैन फक़ही – परमाणु विज्ञान विशेषज्ञ
- अकबर मुतबीज़ादेह – वैज्ञानिक
ईरान के 3 टॉप इंटेलिजेंस कमांडर
- हसन मोहक्केक – IRGC इंटेलिजेंस डिप्टी प्रमुख
- मोहम्मद क़ाज़ेमी – ब्रिगेडियर जनरल
- ख़ोसरो हसनानी – एयरोस्पेस एयर डिफेंस कमांडर
✍️ निष्कर्ष: कैथरीन – एक खामोश तबाही
कैथरीन पेरेज़ शेकेड ने दिखा दिया कि एक प्रशिक्षित और समर्पित एजेंट क्या कर सकता है। उसके द्वारा एकत्रित की गई जानकारी के आधार पर इजरायल ने ईरान के सैन्य और वैज्ञानिक ढांचे को ऐसा झटका दिया है जिससे उबरने में वर्षों लग सकते हैं। यह घटना खुफिया इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है – एक अध्याय जिसमें नायिका न केवल एक एजेंट थी, बल्कि एक पूरी जंग का चेहरा भी।