उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों ने कांवड़ रूटों पर दुकानदारों को दुकान के नाम और पहचान को प्रदर्शित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हलाल उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह कदम कांवड़ यात्रियों की सुविधा और उनकी धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आदेश :
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि सभी कांवड़ रूट पर दुकानों के संचालक का नाम और पहचान एक प्लेट पर लिखी जाए। इससे कांवड़ यात्रियों को अपने खाने-पीने की शुचिता बनाए रखने में सहायता मिलेगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि कांवड़ ले जाने वालों को अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खाने-पीने में आसानी हो।
हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध :
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी आदेश दिया है कि कोई भी हलाल सर्टिफाइड उत्पाद न बेचे। जो भी ऐसा करता पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश में पहले से हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इस कदम का उद्देश्य कांवड़ यात्रियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना है।
शहरी इलाकों में व्यवस्था :
मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिया है कि प्रदेश के शहरी इलाकों में सावन महीने के दौरान रोशनी और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके अलावा कांवड़ रूटों पर साफ पानी और पेय पदार्थ की भी व्यवस्था की जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कांवड़ यात्री बिना किसी कठिनाई के अपनी यात्रा पूरी कर सकें, इन व्यवस्थाओं को लागू किया गया है।
मुजफ्फरनगर पुलिस का आदेश :
मुजफ्फरनगर पुलिस ने जिले के कांवड़ रूट पर नाम प्रदर्शित किए जाने को लेकर एक आदेश दिया था। इस पर लिबरल और वामपंथी भड़क गए थे। मुजफ्फरनगर पुलिस ने बाद में नाम प्रदर्शित करने के आदेश को स्वैच्छिक कर दिया था। अब योगी सरकार ने यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया है ताकि कांवड़ियों को कोई परेशानी न हो और उनके पास मनपसंद जगह से खाने-पीने की छूट हो।
उत्तराखंड में भी लागू हुआ आदेश :
उत्तर प्रदेश वाली व्यवस्था उत्तराखंड में भी लागू की गई है। उत्तराखंड में हरिद्वार में बड़ी संख्या में कांवड़ ले जाने वाले कांवड़िये जल भरने आते हैं। हरिद्वार के SSP ने भी यह आदेश दिया है कि जिले में सभी कांवड़ रूट पर दुकानदार का नाम और पहचान स्पष्ट रूप से लिखी जाए।
हरिद्वार SSP का बयान :
हरिद्वार SSP प्रमेन्द्र डोबाल ने इस संबंध में कहा है कि जिले के भीतर जितने भी खाने-पीने के होटल-ढाबे या ठेला लगाते हैं, उन्हें मालिक का नाम, QR कोड और मोबाइल नंबर आवश्यक रूप से लिखना होगा। यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में इसको लेकर विवाद हुए हैं, इसलिए यह कदम उठाया गया है।
आदेश का उद्देश्य :
यह आदेश इसलिए दिया गया है ताकि किसी भी प्रकार का विवाद न हो और कांवड़ यात्रियों को बिना किसी परेशानी के अपने धार्मिक यात्रा को पूरा करने में सहायता मिल सके। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जा सके कि खाने-पीने की वस्तुओं की शुद्धता और स्वच्छता बनी रहे।
निष्कर्ष :
योगी आदित्यनाथ का यह आदेश कांवड़ यात्रियों की सुविधा और उनकी धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि कांवड़ यात्री अपनी यात्रा बिना किसी कठिनाई के पूरी कर सकें और उन्हें खाने-पीने की वस्तुओं की शुद्धता को लेकर कोई चिंता न हो। उत्तराखंड सरकार ने भी इस आदेश को अपनाकर कांवड़ यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता दी है।