पटना के लॉ कॉलेज में छात्र नेता हर्ष राज की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने इस हत्या के मुख्य आरोपी चंदन यादव को गिरफ्तार कर लिया है। चंदन वामपंथी छात्र संगठन AISA से जुड़ा हुआ है और पटना कॉलेज का फाइनल ईयर का छात्र है। पूछताछ के दौरान चंदन ने हत्या की पूरी कहानी पुलिस के सामने रखी।
घटना की पृष्ठभूमि :
हर्ष राज, जो कि वैशाली का निवासी था, पटना में पढ़ाई कर रहा था और छात्र राजनीति में सक्रिय था। बीते दिन उसे लॉ कॉलेज परिसर में पीट-पीट कर मार दिया गया। यह घटना उस समय हुई जब हर्ष अपनी परीक्षा देकर लौट रहा था। पुलिस के अनुसार, हर्ष को छात्रों के एक समूह ने घेरकर बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। अस्पताल में इलाज के दौरान हर्ष की मौत हो गई।
आरोपी चंदन यादव की गिरफ्तारी :
पटना पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए एसआईटी टीम का गठन किया और चंदन यादव को गिरफ्तार किया। चंदन ने पूछताछ में हत्या की योजना और कारणों का खुलासा किया। चंदन ने बताया कि पिछले साल दशहरे के दौरान डांडिया नाइट में हुए झगड़े के बाद से ही हर्ष से उसकी रंजिश थी। चंदन ने अपने साथियों के साथ मिलकर हर्ष की हत्या कर दी और फिर बिहटा स्थित अपने गांव भाग गया था, जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
पुलिस की कार्रवाई और अन्य आरोपियों की पहचान :
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजीव मिश्रा ने जानकारी दी कि चंदन यादव ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और उसने अन्य आरोपियों की पहचान भी बताई है। पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हर्ष की हत्या के बाद पटना में विरोध प्रदर्शन :
हर्ष की हत्या के बाद पटना में छात्रों में आक्रोश फैल गया। भीषण गर्मी के बीच छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया और पुलिस के साथ झड़प तक हो गई। पुलिस को छात्रों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों में अधिकतर सैदपुर हॉस्टल के छात्र थे, जिन्होंने अशोक राजपथ को जाम करने की कोशिश की। पुलिस ने छात्रों को समझाया कि चुनाव के समय हंगामा न करें और मामले में तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
हमारा निष्कर्ष :
पटना लॉ कॉलेज में छात्र हर्ष राज की हत्या ने पूरे शहर को हिला दिया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है। इस घटना ने न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि छात्र राजनीति में भी हिंसा और दुश्मनी की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर किया है। पुलिस और प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसे हादसे न हों और छात्रों के बीच शांति और सुरक्षा बनी रहे।