शनिवार, 25 मई 2024 को लोकसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान सम्पन्न हुआ। इस चरण में 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की कुल 58 सीटों के लिए मतदान हुआ। शाम 6 बजे तक 58.82% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस चुनाव में पश्चिम बंगाल ने सबसे अधिक 78.19% मतदान प्रतिशत दर्ज किया, जबकि जम्मू कश्मीर में सबसे कम 51.41% मतदाताओं ने वोट डाले।
मतदान का विवरण
राज्यों और सीटों का वितरण : छठे चरण में 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान हुआ। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश की सबसे अधिक 14 सीटें थीं। इसके अलावा हरियाणा की 10, बिहार और पश्चिम बंगाल की 8-8, दिल्ली की 7, ओडिशा की 6, झारखंड की 4 और जम्मू कश्मीर की 1 सीट पर वोटिंग हुई।
मतदान प्रतिशत
पश्चिम बंगाल में रिकॉर्ड मतदान : इस चरण में पश्चिम बंगाल में 78.19% वोटरों ने मतदान किया, जो इस चरण का सबसे ऊंचा प्रतिशत था। बंगाल में मतदान के दौरान कुछ हिंसक घटनाएं भी हुईं, लेकिन इसके बावजूद लोग बड़ी संख्या में वोट डालने निकले।
झारखंड में उत्साहजनक मतदान : झारखंड ने 62.13% मतदान के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया। झारखंड में लोगों का मतदान के प्रति उत्साह दिखा और मतदान शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ।
ओडिशा में भी अच्छी भागीदारी : ओडिशा में 59.72% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राज्य में मतदान शांतिपूर्ण रहा और लोग अपने मतदान केंद्रों पर उत्साहपूर्वक पहुंचे।
अन्य राज्यों का हाल : हरियाणा में 58.06%, दिल्ली में 54.31%, उत्तर प्रदेश में 54.02%, बिहार में 52.80% और जम्मू कश्मीर में 51.41% मतदान हुआ। विशेष रूप से जम्मू कश्मीर के अनंतनाग इलाके में 35 साल बाद 51.35% मतदान हुआ, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
मतदान के दौरान की घटनाएं
पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल में मतदान के दौरान कुछ हिंसक घटनाएं भी सामने आईं। झारग्राम में भाजपा प्रत्याशी पर भीड़ ने हमला किया, जिसमें उनके सुरक्षाकर्मियों और मीडिया स्टाफ को भी निशाना बनाया गया। तमलुक में मतदान शुरू होने से पहले ही भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के एक समर्थक के घायल होने की खबर है।
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में एक पोलिंग बूथ पर उपद्रव मचाने की फिराक में जमा भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इसके अलावा राज्य के अन्य हिस्सों में मतदान शांतिपूर्ण रहा।
जम्मू कश्मीर : जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती ने ईवीएम में छेड़खानी का आरोप लगाकर धरना दिया। हालांकि, इस घटना के अलावा राज्य में मतदान शांतिपूर्ण रहा और लोगों ने बढ़-चढ़कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
चुनाव आयोग की व्यवस्था : चुनाव आयोग ने इस चरण के मतदान के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए थे। संवेदनशील और अति-संवेदनशील मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। मतदान प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने के लिए आयोग ने सभी आवश्यक कदम उठाए।
चुनाव के परिणामों की अपेक्षाएं :
छठे चरण के मतदान के बाद अब सभी की नजरें 23 मई 2024 को आने वाले चुनाव परिणामों पर टिकी हैं। राजनीतिक दलों ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जोर-शोर से प्रचार किया और मतदाताओं को लुभाने के लिए तमाम वादे किए।
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश में इस चरण में 14 सीटों पर मतदान हुआ, जो राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण हैं। भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। राज्य में मतदान प्रतिशत 54.02% रहा।
बिहार : बिहार में 8 सीटों पर हुए मतदान में 52.80% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राज्य में महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला है।
दिल्ली: दिल्ली की 7 सीटों पर 54.31% मतदान हुआ। राजधानी में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा गया।
हरियाणा : हरियाणा की 10 सीटों पर 58.06% मतदान हुआ। राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया :
भाजपा : भाजपा ने छठे चरण के मतदान के बाद अपनी जीत का दावा किया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और विकास कार्यों को जनता का समर्थन मिला है।
कांग्रेस : कांग्रेस ने भी इस चरण में अपनी जीत की उम्मीद जताई है। पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव के दौरान हिंसा और अनियमितताओं का सहारा लिया।
क्षेत्रीय दल : सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों ने भी अपनी-अपनी सीटों पर जीत का दावा किया है। तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है।
हमारा निष्कर्ष :
लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण का मतदान सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया। इस चरण में कुल 58.82% मतदान हुआ, जिसमें पश्चिम बंगाल ने सबसे अधिक 78.19% और जम्मू कश्मीर ने सबसे कम 51.41% मतदान किया। कुछ घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा। अब सबकी नजरें 23 मई 2024 को आने वाले चुनाव परिणामों पर हैं, जो तय करेंगे कि अगली सरकार किसकी बनेगी।
इस चरण में जनता ने बढ़-चढ़कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है। चुनाव आयोग और सुरक्षा बलों की व्यवस्था ने यह सुनिश्चित किया कि मतदान प्रक्रिया बिना किसी बड़ी बाधा के सम्पन्न हो सके। राजनीतिक दल अब अपनी-अपनी जीत की उम्मीद कर रहे हैं और परिणामों का इंतजार कर रहे हैं।