मोदी सरकार ने अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में कई ऐसे कार्य संपन्न किए हैं, जो कभी असंभव लगते थे। इन उपलब्धियों ने देश को नई दिशा दी है, लेकिन इस अवधि में चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। आइए, इन पहलुओं का विश्लेषण करें।
अनुच्छेद 370 और 35A का निरसन :
एक समय था जब जम्मू-कश्मीर के नेता फारूक अब्दुल्लाह और उनके समर्थक यह कहते थे कि अनुच्छेद 370 और 35A को कोई नहीं हटा सकता। लेकिन 5 अगस्त 2019 को, मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इन अनुच्छेदों को हटा दिया। इस निर्णय ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया और राज्य को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया।
आतंकवाद पर लगाम :
पहले, देशभर में हर सप्ताह आतंकवादी घटनाएं होती थीं और इसे नियति मान लिया जाता था। लेकिन मोदी सरकार के सख्त कदमों ने आतंकवाद पर काफी हद तक काबू पाया है। सुरक्षा बलों को सशक्त किया गया और आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई।
राम मंदिर का पुनर्निर्माण :
राम मंदिर का पुनर्निर्माण एक असंभव सपना लगता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। यह मंदिर भारतीय संस्कृति और धर्म के पुनरुत्थान का प्रतीक है।
रक्षा क्षेत्र में सुधार :
पहले, रक्षा हथियारों की खरीद में भ्रष्टाचार और घूसखोरी सामान्य बात थी। मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए कई सुधार किए। स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा दिया गया और विदेशी खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित की गई।
रेलवे में सुधार :
रेलवे दुर्घटनाएं एक समय पर नियमित रूप से होती थीं, जिससे सैकड़ों यात्रियों की जान जाती थी और हजारों करोड़ों की संपत्ति का नुकसान होता था। मोदी सरकार ने रेलवे में कई सुधार किए, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आई और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई। स्वच्छता अभियानों के माध्यम से रेलवे स्टेशन और ट्रैक को साफ-सुथरा बनाया गया।
आर्थिक सुधार :
मोदी सरकार ने आर्थिक सुधारों के तहत बैंकिंग सेक्टर को पुनर्जीवित किया। सरकारी बैंकों को मजबूत किया गया और एनपीए को कम किया गया। आज बैंकिंग सेक्टर अभूतपूर्व लाभ की स्थिति में है और पिछले वित्तीय वर्ष में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ दर्ज किया गया है।
सामाजिक कल्याण :
मोदी सरकार ने जनधन योजना, उज्ज्वला योजना, और जल जीवन मिशन जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से करोड़ों लोगों को बैंक अकाउंट, गैस कनेक्शन और नल से जल की सुविधा प्रदान की। इससे करोड़ों लोगों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है।
चुनावी हार और विरोध :
इन सभी उपलब्धियों के बावजूद, मोदी सरकार को कई बार चुनावी हार का सामना करना पड़ा है। इसका मुख्य कारण यह है कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों के विरोध में लगभग 52-53% लोग खड़े हैं। 2019 के संसदीय चुनाव में भाजपा को पूरे देश में कुल 37.76 प्रतिशत वोट मिले, जबकि एनडीए को 45.43% वोट मिले थे।
विरोधाभासी विचारधारा :
मोदी सरकार का विरोध करने वाले कई लोग सनातन धर्म के सिद्धांतों पर चलते हैं, लेकिन सरकार के विरोध में राष्ट्रविरोधी भी बन जाते हैं। जनरल बिपिन रावत की मृत्यु पर अपशब्द लिखने वाले कई लोग भारतीय नागरिक थे, जिनसे शिष्टाचार की अपेक्षा थी।
निष्कर्ष :
मोदी सरकार ने अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में कई ऐसे कार्य किए हैं, जो देश के लिए ऐतिहासिक हैं। लेकिन इस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। विरोधाभासी विचारधारा और मानवीय विरोधाभास के बावजूद, मोदी सरकार ने देश को प्रगति की राह पर आगे बढ़ाया है। हमें मोदी सरकार के विजन पर विश्वास बनाए रखना होगा ताकि हम एक मजबूत और विकसित भारत की दिशा में आगे बढ़ सकें।