जैसा कि आप सब जानते हैं महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की गुट को चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर टूट चुकी शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह दे दिया है। उधव ठाकरे चुनाव आयोग के इस फैसले से काफी नाराज दिखे हैं। उद्धव ठाकरे ने सरकार और चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि, "यह अन्याय है देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है। ऐसा ऐलान प्रधानमंत्री कर दे तो अच्छा रहेगा। देश में प्रजातंत्र नहीं रहा। उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है। सभी उनके गुलाम है।
इमरजेंसी की याद आई बेचारे उद्धव ठाकरे को :
उद्धव ठाकरे इतने पर ही नहीं रुके। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस सरकार की याद दिलाते हुए केंद्र पर हमला किया और कहा कि, "कांग्रेस ने भी देश में सरकार गिराई थी। इसलिए तो आपको लाया था। अब आप भी यही कर रहे हैं। इंदिरा गांधी में इमरजेंसी लगाने की हिम्मत थी, आप में हिम्मत नहीं है। हम फैसले को चुनौती देंगे सुप्रीम कोर्ट हमारी आखिरी उम्मीद है।
#WATCH ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है, ऐसा एलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। देश में प्रजातंत्र नहीं रहा। उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है...सभी उनके गुलाम हैं: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, मुंबई pic.twitter.com/4qJ1CsJtDT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 17, 2023
पूंजीपति विधायक सांसद खरीद सकता है :
उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि, "चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फैसला नहीं देना चाहिए था। यदि विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी का अस्तित्व का चुनाव किया जाता है तो कोई भी पूंजीपति विधायक सांसद खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है।" उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही। उद्धव ठाकरे ने कहा कि, "निश्चित तौर पर हम चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को रद्द कर देगा और 16 विधायकों को कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
मिले सुर से जो सुर हमारा : संजय राउत
वहीं अगर हम संजय रावत की बात करें तो संजय राउत ने उद्धव ठाकरे के सुर में सुर मिलाते हुए सरकार पर हमला बोला और कहा कि, "देश में अब लोकतंत्र बचा ही नहीं है सब गुलाम बनकर बैठे हैं। यह लोकतंत्र की हत्या है। इस सरकार ने करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया है वह पानी कहां तक पहुंचा है यह दिख रहा है। हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है क्योंकि जनता हमारे साथ है। हम नया चिन्ह लेकर जाएंगे और फिर एक बार यही शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे। "
ये जीत को लोकतंत्र की जीत :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग के फैसले पर अपने कार्यकर्ताओं सांसदों विधायकों जनप्रतिनिधियों और लाखों शिव सैनिकों सहित बालासाहेब और आनंद दिघे की विचारधारा को जीत बताया है। एकनाथ शिंदे ने अपनी जीत को लोकतंत्र की जीत भी कहा है। वहीं अगर हम भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, "मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना को शिवसेना का चिन्ह और नाम मिला है। असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की शिवसेना बनी है।हम पहले दिन से आश्वस्त थे क्योंकि चुनाव आयोग के अलग पार्टियों के बारे में इसके पहले के निर्णय देखे तो इसी प्रकार के निर्णय आए हैं।
#WATCH ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है, ऐसा एलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। देश में प्रजातंत्र नहीं रहा। उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है...सभी उनके गुलाम हैं: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, मुंबई pic.twitter.com/4qJ1CsJtDT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 17, 2023

