आपको जानकर हैरानी होगी कि बीते 12 सालों में भारत से 16 लाख से अधिक लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ किसी अन्य देश की नागरिकता ली है। इस बात की जानकारी राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी। विदेश मंत्री ने साल दर साल आंकड़े भी दिए। आपको बता दें कि राज्यसभा में बजट सत्र के प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने यह जानकारी दी।
किस वर्ष कितने लोगो ने त्यागी नागरिकता :
आपको जानकर हैरानी होगी कि बीते 2 साल में 2,25,620 लोगों ने अपनी नागरिकता भारत से त्याग किसी अन्य देश की नागरिकता ली है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि वर्ष 2015 में 1,31,489, वर्ष 2016 में 1,41,603, वर्ष 2017 में 1,33,049, वर्ष 2018 में 1,34,561, वर्ष 2019 में 1,44,017, वर्ष 2020 में 85,256, वर्ष 2021 में 1,63,370, वर्ष 2022 में 2,25,620 लोगों ने अपनी नागरिकता भारत से छोड़ी है।
कांग्रेस कार्यकाल में कितने लोगो ने त्यागी नागरिकता :
विदेश मंत्री ने यह आंकड़े भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान के दिए, इसके अलावा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के भी आंकड़ें दिए जिसके अनुसार 2012 में 1,30,930, वर्ष 2013 में 1,31,405 वर्ष 2014 में 1,29,328 लोगों ने अपनी नागरिकता त्यागी थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि 2011 से लेकर अब तक 16,63,440 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है। विदेश मंत्री ने उन 135 देशों की लिस्ट भी दी है जिस की नागरिकता भारतीय लोगों ने भारत की नागरिकता त्याग कर हासिल की है।
ऐसा होने के पीछे एकल नागरिकता है कारण :
आपको बता दें कि हमारे देश भारत में संविधान के आधार पर एकल नागरिकता की व्यवस्था है। जिसका मतलब है एक भारतीय नागरिक एक वक्त में केवल एक ही देश की नागरिकता रख सकता है। जिसका मतलब साफ है कि अगर एक भारतीय नागरिक किसी और देश की नागरिकता लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता खत्म हो जाएगी। यही कारण है कि बड़ी संख्या में भारतीय दूसरे देशों की नागरिकता लेने के बाद भारतीय नागरिकता ख़त्म हो जाती है।