आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत और नेपाल सीमा पर तकरीबन 1500 अवैध मदरसे हैं, जिस पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। सरकार अपनी जांच में इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या की भी जानकारी जुटाई रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने बीते 31 जनवरी 2023 को इस संबंध में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र लिखा था जिसमें, "छात्रों की संख्या के साथ-साथ सीमा पर संचालित हो रहे मदरसों के आय-व्यय के रिकॉर्ड की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।"
प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसे कहाँ कहाँ :
इस संबंध में गोरखपुर में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडे ने जानकारी देते हुए बताया था कि, "इस संबंध में एक पत्र प्राप्त हुआ था और इस कवायद का लक्ष्य मदरसा बोर्ड की वेबसाइट के रिकॉर्ड को अपडेट करना है। " गौरतलब है कि यह गैर मान्यता प्राप्त मदरसे बलरामपुर, श्रावस्ती, महाराजा गंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच और लखीमपुर खीरी जैसे जिलों में स्थित है।
पूरे राज्य में तकरीबन 7500 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे :
अगर आपको याद हो तो बीते पिछले वर्ष सितंबर अक्टूबर महीने में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जानकारी जुटाने के लिए सर्वे किया था। पिछले साल अक्टूबर महीने में राज्य सरकार के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई थी कि पूरे राज्य में तकरीबन 7500 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 1 सितंबर 2022 को घोषणा की थी कि वह राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करेगी, ताकि शिक्षकों और छात्रों के विवरण, पाठ्यक्रम और किसी गैर सरकारी संगठन के साथ इसकी संबंद्धता जैसी जानकारी प्राप्त करेगी।