जैसा कि आप सब जानते हैं बीते कुछ महीनों से खासकर राजस्थान और हरियाणा में लंपी स्किन वायरस काफी गाय संक्रमित हुए जिसमें कई गायों की मौत की भी खबर सामने आई थी। अब यह वायरस बिहार में भी दस्तक दे चुका है। अभी तक की मिल रही जानकारी के अनुसार इस वायरस से दो गायों की मौत की पुष्टि हुई है। बिहार में इस वायरस से अब तक कुल 1258 गाय संक्रमित पाए गए हैं, जिसने 933 गायों का उपचार के दौरान ठीक हो गए वहीं 323 गायों का उपचार अभी जारी है।
सरकार इस बीमारी से लड़ने के लिए क्या कर रही है :
वही राज्य में लंपी से बचाव के लिए पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जिसमें पूरे राज्य में अभियान चलाकर 9 जनवरी से तकरीबन 1.38 करोड़ गायों में लंपी रोग को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक बिहार के कुल 28 जिलों में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन सरवण ने बताया है कि ,"स्थिति फिलहाल कंट्रोल में है। इसके लिए पूरे प्रदेश में जिला स्तर की रैपिड रिस्पॉन्स टीम बनाई गई है। अभी तक 40,100 पशुओं का टीकाकरण हुआ है। यहां सिर्फ गाय में ही यह रोग देखने को मिल रहा है। इसके लिए पशु चिकित्सकों को खास प्रशिक्षण दिया गया है।
अब तक 12 जिलों में ये रोग गायों में पाया गया है :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बिहार के 12 जिलों में इस बीमारी के मामले सामने आए हैं, वो 12 जिले दरभंगा, पटना, पूर्णिया, जहानाबाद, नवादा, शेखपुरा, नालंदा, गया, बक्सर और कैमूर है। इस रोग के कारण किसानों के बीच काफी दहशत है और किसान काफी परेशानी का भी सामना कर रहे हैं। किसान वह हर संभव कोशिश कर रहे हैं जिससे वह गायों का देखभाल कर सकें। किसान अपने गायों को बचाने के लिए टीकाकरण का सहारा भी ले रहे हैं।
बीमारी के लक्षण क्या है :
अगर हम लंपी रोग के बारे में बात करें तो इस बीमारी के बाद गायों में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं , जैसे गायों की दूध की छमता इस बीमारी के होने के बाद कम हो जा रही है। तापमान बढ़ने के साथ गायों को बुखार आने लग रहा है। पूरे शरीर में गांठ बनना शुरू हो जा रहा है। साथ ही गायों की मुंह से लेकर स्वासन नली तक घाव जैसी समस्या भी पाई जा रही है। गायों के पैर में सूजन जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो रही है।
डॉक्टरों के अनुसार अगर किसी भी किसान को अपनी गाय में इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं तो उन्हें जल्द से जल्द पशु चिकित्सक से सलाह लेने के लिए कहा जा रहा है। गायों के शरीर पर एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है। स्पोर्ट्स के अनुसार बताया जा रहा है कि अगर किसानों द्वारा सही समय पर गायों का उपचार दिया जाए तो 2 से 3 सप्ताह के अंदर गायों को इस रोग से छुटकारा मिल जा रहा है।