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हासिम अमला और पाकिस्तान क्रिकेट खिलाड़ि क्रिकेट नही धर्मांतरण करने उतरते है मैदान पर।

इस्लाम आज के वर्तमान समय में वो धर्म है जिस पर धर्मांतरण के लगातार आरोप लगते रहे हैं। इसी कड़ी में एक प्रख्यात क्रिकेटर का नाम सामने आ रहा है जिस पर धर्म परिवर्तन करवाने के आरोप लग रहे है। आपको बता दें कि पाकिस्तान के भूतपूर्व क्रिकेटर वह कप्तान सईद अनवर ने एक कार्यक्रम के दौरान बयान दिया कि साउथ अफ्रीका के क्रिकेटर हाशिम अमला ने कई लोगों को धर्म परिवर्तन करवाकर मुस्लिम बनाया है। सईद अजमल ने कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा कि हाशिम अमला ने पूरे हिंदू परिवार को मुस्लिम बनाया।


क्या है पूरा मामला :
आपको बता दे की वायरल वीडियो में सईद अनवर हाशिम अमला की तारीफ करते हुए कह रहें हैं की, “विश्व कप में कई लोग इस्लाम कबूल कर रहे हैं। अल्लाह ने वर्ल्ड कप को मोहरा बना रखा है। हाशिम अमला एक शानदार क्रिकेटर हैं। उसने कितने लोगों को कलाम पढ़ाया। एक पूरा हिन्दू खानदान मुस्लिम बन गया। मोहम्मद यूसुफ कई लोगों का जरिया बना। आप में अल्लाह ने बहुत टैलेंट दिया है। जो करना है करो, कारोबार करो, हुकूमत करो। अल्लाह को साथ ले लो और नबी का काम अपना काम बना लो।”

आपको बता दें कि सईद अनवर के इस कार्यक्रम में शाहिद अफरीदी के अलावा और भी कई बड़े क्रिकेटर शामिल थे।

आमला की तरफ से इस विवाद पर कोई बयान नहीं आया है :
हालांकि अभी तक सईद अनवर द्वारा दिए गए इस बयान पर हाशिम अमला की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाशिम अमला पर अनेकों बार कट्टर इस्लामिक होने के आरोप लगते रहे हैं। उदाहरण के तौर पर अगर हम बात करें तो हाशिम अमला अपनी क्रिकेट जर्सी पर शराब की कंपनी का लोगो नहीं लगाते हैं, इसके लिए उन्हें जुर्माना तक भरना पड़ता था। टीम की जीत पर जब शैंपेन की बोतल खोली जाती है तो हाशिम अमला सेलिब्रेशन से दूर हट जाते हैं। 

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर रहे डीन जोन्स ने लाइव मैच में कमेंट्री करते हुए उन्हें आतंकवादी तक कह दिया था।

वकार यूनुस भी हिंदुओं के विरुद्ध उगल चुके जहर :
आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब किसी पाकिस्तानी क्रिकेटर ने हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने जैसी बात की हो, इससे पहले भी कई बार पाकिस्तानी क्रिकेटर जिहादी भाषा का प्रयोग कर चुके हैं। उदाहरण के तौर पर वकार यूनुस ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ जीते के बाद कहा था कि, "उन्हें पूरे मैच में सबसे अच्छी बात ये लगी कि रिजवान ने सभी हिंदुओं के सामने खड़े होकर नमाज पढ़ी"। उनके इस बयान पर जब लोगों ने आपत्ति जताई और विरोध हुआ तो उन्होंने माफी माँगते हुए कहा कि उनके मुँह से ये बात आवेश में निकल गई थी। 

अख्तर का ख्वाब है गजवा -  ए  - हिंद :
2021 में शोएब अख्तर ने हरभजन सिंह के साथ एक कार्यक्रम के दौरान दो राष्ट्र सिद्धांत का प्रचार करते हुए हरभजन को कहा कि वो इसमें यकीन रखते हैं और उनकी ये अपनी विचारधारा है। इतना ही नहीं अख्तर ने समा टीवी से बात करते हुए कहा था कि, "आयेगा गजवा -  ए  - हिंद, जीतेंगे हम कश्मीर, अटक की नदी दोबारा खून से लाल रंग की होगी। अफगानिस्तान की सेना अटक पहुँचेंगी। उसके बाद शमल मशरिक से सेनाएँ उठेंगी। अलग-अलग दल उज्बेकिस्तानन आदि से पहुँचेंगे… जो लाहौर तक फैले ऐतिहासिक क्षेत्र खोरासन को दर्शाता है। बाद में वह ताकतें कश्मीर को जीतेंगी और फिर बाद इंशाल्लाह काफिला बढ़ता रहेगा।”

मोइन खान ने मोहम्मद शमी पर की थी टिप्पणी :
साल 2019 में श्रीलंका के साथ हुए मैच में मोहम्मद शमी की जगह जडेजा को जगह मिलने के बाद पाक के पूर्व क्रिकेटर का कहना था कि, "शमी को मौका इसलिए नहीं मिला क्योंकि भाजपा मुस्लिमों के आगे बढ़ने नहीं देना चाहती।"

370 हटने पर जावेद मियांदाद ने हिंदुओं को दी थी धमकी :
आर्टिकल 370 हटाने के बाद पूरे पाकिस्तान में आक्रोश का माहौल था, इसी मामले पर पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर जावेद मियांदाद एक कार्यक्रम के दौरान भारत को तलवार दिखाते हुए धमकी भरे लफ्जों में कहा था कि, "कश्मीर भाइयों फिकर ना करो हम आपके साथ हैं। मेरे पास बल्ला भी है जिससे छक्का मारा था...अब यह तलवार भी चलेगी। जब बल्ले से छक्का मार सकता हूं तो इससे इंसान क्यों नहीं मार सकता।

मोहम्मद शहजाद ने श्रीलंका क्रिकेटर को धर्मांतरण के लिए कहा था :
बीते कुछ महीने पहले पाकिस्तानी क्रिकेटर अहमद शहजाद का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें अहमद शहजाद श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच मैच खत्म होने के बाद दिलशान से धर्म बदलने के लिए कह रहे थे। दिलशान जब बल्लेबाजी कर लौट रहे थे तो अहमद शहजाद ने उन्हें कहा था कि, "अगर आप नॉन-मुस्लिम हैं और इस्लाम अपना लेते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिर अपने जीवन में आप क्या करते हो, आप अंततः जन्नत हो जाओगे।"

आप यह समझ पाना मुश्किल है कि पाकिस्तानी क्रिकेटर क्रिकेट को खेल मानते हैं या फिर जिहाद का एक जरिया जहां इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार कर सकें।