सोमवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में बने अशोक स्तंभ का अनावरण किया। अनावरण के साथ ही कई विपक्षी दलों का विरोध शुरू हो गया।कांग्रेस ,तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने मिलकर इसका विरोध किया।कई राजद नेताओं ने कहा कि अशोक स्तंभ की मूल कृति और इस कृति में बहुत फर्क है। नए संसद भवन में बने अशोक स्तंभ में शेरों की मुद्रा शांत होने के जगह गुस्सैल दर्शाई गई है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्विटर पर पूर्व और हाल ही में बने अशोक स्तंभ के चित्र को लगाकर लिखा कि यह सारनाथ को प्रदर्शित करता है या फिर गिर के शेरों को इसे देखिए और जरूरत हो तो दुरुस्त कीजिए।
सरकार ने इसका स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि दोनों कृतियां एक जैसी है और यह भी समझाया कि दोनों कृतियों में फर्क क्यों है ! सरकार ने स्पष्ट किया कि नए सांसद भवन के ऊपर स्थापित नया अशोक स्तंभ 33 मीटर की ऊंचाई पर है। अगर वहां मूल कृति लगाई जाती तो कुछ नहीं दिखता लिहाजा बड़ी कृति लगाई गई है। अगर मूल कृति को भी नीचे से देखा जाए तो वह उतनी ही गुस्सैल या सौम्या में लगती , जितना कि नए सांसद भवन पर स्थापित अशोक स्तंभ में शेरों की कृति दिखाई दे रही है ।