भारत के उड़ीसा में जन्मी आदिवासी समुदाय की एक बेटी ने राष्ट्रपति बनने का इतिहास रच दिया है। हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराया। मुर्मू को 64% मत प्राप्त हुए। चुनाव के पहले ही मुर्मू की जीत तय मानी जा रही थी। मुर्मू ने तीसरे राउंड में ही 50% से ज्यादा वोट हासिल कर लिए थे।
इससे पहले वह 2015 से लेकर 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी है। द्रौपदी मुर्मू की इस बड़ी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके आवास पर जाकर उन्हें बधाई दी। खबरों के अनुसार विपक्ष में से करीब 17 सांसदों के अलावा कई विधायकों ने भी मुर्मू को क्रॉस वोटिंग की। द्रौपदी मुर्मू की जीत के साथ ही उनके राज्य उड़ीसा में जश्न का माहौल हो गया । मुर्मू महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है। मुर्मू "भारतीय जनता पार्टी"राजनीतिक दल से हैं। उन्होंने ने एक शिक्षक के तौर पर अपने जीवन की शुरुआत की थी। इसके बाद वह धीरे-धीरे राजनीति की राह पर चल पड़ी। मुर्मू कि अध्यात्म और धर्म में गहरी रुचि है।देश की 15वीं राष्ट्रपति होने के साथ-साथ वह प्रतिभा पाटिल के बाद दूसरी महिला राष्ट्रपति भी होंगी।
मुर्मू की इस जीत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने मुर्मू को बधाई दी। देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी सोशल मीडिया के जरिए द्रौपदी मुर्मू को जीत की बधाई दी। द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को देश के 15 राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी।