इंडोनेशिया के बाली में तीसरे जी-20 में वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर की बैठक जिसका विषय था "खाद्य सुरक्षा से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग को मजबूत करना" जिसके उपलक्ष में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत भूख या खाद्य सुरक्षा को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन डब्ल्यूटीओ (वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन) इस मुद्दे पर झिझक रहा है।
सिंगापुर के नेतृत्व में लगभग 70 से 80 देशों का एक समूह वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के तहत खरीदे गए खाद्यान्न व निर्यात प्रबंध नहीं बढ़ाने की मांग कर रहा है। वहीं कुछ सदस्यों ने घरेलू खाद्य सुरक्षा का हवाला देते हुए इस संबंध में दी जाने वाली छूट पर चिंता जाहिर की है। सभा को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि खाद्य ईंधन और पूर्वक वैश्विक सार्वजनिक समान है और विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए तक पहुंचना सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है । वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के मौजूदा मापदंडों के अनुसार अभी किसी भी देश को अपने सार्वजनिक खाद्यान्न भंडार से निर्यात की अनुमति नहीं है क्योंकि उसे उचित दरों पर सरकार खरीदती है। वित्त मंत्री का कहना है कि वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन उन्हें अपने सार्वजनिक भंडार से खाद्यान्न निर्यात की अनुमति दे जो खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं।