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मीराबाई चानू के मेडल जीतने में मोदी जी का बड़ा योगदान, मणिपुर के मुख्यमंत्री ने बताया कारण

आपको बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू की गूंज अभी पूरे भारत में है, लेकिन क्या आपको पता है ओलंपिक में जाने से पहले मीराबाई चानू की हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मदद की थी। मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने इस बात की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री का आभार जताया भी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वीरेन सिंह ने समाचार एजेंसी ए.एन.आई से बात करते हुए बताया कि, ओलंपिक में जाने से पहले प्रधानमंत्री ने दो खिलाड़ियों की अच्छी मेडिकल केयर और ट्रेनिंग के लिए मदद की थी जिसके लिए इन दोनों एथलीट्स को अमेरिका भेजा गया था। मुख्यमंत्री ने दूसरे एथलीट का नाम नहीं बताया।


मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने कहा :
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बताया कि, "मीराबाई चानू ने एक सार्वजनिक समारोह में उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली मदद के बारे में जानकारी दी थी, चानू ने बताया था कि, "अगर उन्हें मांसपेशियों के ऑपरेशन और अभ्यास के लिए अमेरिका जाने का मौका नहीं मिलता तो शायद वह अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाती"। बीरेन सिंह ने आगे कहा कि चानू को पीठ दर्द की शिकायत थी और जब यह संदेश प्रधानमंत्री कार्यालय को मिला तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना देर किए मीराबाई चानू के इलाज और ट्रेनिंग पर होने वाले सभी खर्च का जिम्मेवारी लिया।

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने यह भी बताया कि मीराबाई चानू अकेली नहीं है, जिसकी जिम्मेवारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उठाई गई हो। प्रधानमंत्री ने कभी भी कहीं भी इसका उल्लेख नहीं किया है, इसलिए मैं दूसरे खिलाड़ी का नाम नहीं लूंगा। लेकिन एक और एथलीट है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इलाज और ट्रेनिंग के लिए अमेरिका भेजा था।

मीराबाई चानू ने मेडल जीतने के बाद मोदी जी को दिया था धन्यवाद :
अगर आपको याद हो तो मीराबाई चानू ने ओलंपिक में पदक जीतने के बाद प्रधानमंत्री और खेल मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा था कि, "उन्होंने मुझे बहुत कम समय में अभ्यास के लिए अमेरिका भेजा था, सभी तैयारियों को 1 दिन में पूरा किया गया था, जिसके कारण मुझे अच्छा प्रशिक्षण मिला और मैं पदक जीतने में सफल रही।" साथ ही साथ मीराबाई चानू ने कहा था कि, "मेरी सफलता का श्रेय टारगेट ओलंपिक पोडियम जैसी योजनाओं को भी जाता है"।

बुद्धिजीवियों के चेहरे पर तमाचा है ये लेख :
तो दोस्तों इस लेख में दी गई जानकारी उन तमाम बुद्धिजीवियों के चेहरे पर एक तमाचा है जो मीराबाई चानू के मेडल जीतने के बाद प्रधानमंत्री का मजाक उड़ा रहे थे कि, मोदी जी मीराबाई चानू द्वारा जीते गए मेडल का श्रेय लेना चाहते हैं। किंतु सच्चाई अब सामने है। खिलाड़ियों द्वारा की गई मेहनत उनको सफलता तो दिलाती है, किंतु जब तक हमारे राजनेताओं का प्रोत्साहन खिलाड़ियों को नहीं मिलेगा और आगे बढ़ने के लिए उन तमाम योजनाओं से मदद नहीं मिलेगी तब तक शायद खिलाड़ी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असमर्थ रहेंगे और यही शायद कांग्रेस के समय में होता था किंतु अब भाजपा की सरकार में हर एक खिलाड़ी को अच्छी ट्रेनिंग, पौष्टिक भोजन और प्रशिक्षण मिल रहा है और शायद वो दिन भी दूर नहीं जब हमारे एथलीट्स गोल्ड मेडल की लाइन लगा देंगे

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