लद्दाख की गालवन घाटी में सोमवार रात को भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 18 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू समेत बिहार रेजिमेंट के 3 जवान शहीद हो गए। तेलंगाना के रहने वाले कर्नल संतोष पिछले 18 महीने से लद्दाख में भारतीय सीमा की सुरक्षा में तैनात थे। वहीं, झारखंड के रहने वाले शहीद कुंदन ओझा 17 दिन पहले ही पिता बने थे, लेकिन बेटी का चेहरा तक नहीं देख पाए। तीसरे शहीद का नाम हवलदार पलानी है।
शहीद कुंदन ओझा 17 दिन पहले ही पिता बने थे:-
सेना के सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर कर्नल संतोष, शहीद कुंदन और हवलदार पलानी के साथ चीन के सैनिकों की झड़प हुई थी। शहीद संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यापेट के रहने वाले थे। अब उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं। उनके पिता फिजिकल एजुकेशन टीचर हैं। शहीद कर्नल संतोष बाबू हैदराबाद के सैनिक स्कूल से एनडीए के लिए चुने गए थे।
झारखंड के साहेबगंज जिले के दीहारी गांव के 26 साल के शहीद कुंदन ओझा 17 दिन पहले ही पिता बने थे, लेकिन अपनी बेटी का चेहरा तक नहीं देख पाए। उनके पिता रविशंकर ओझा किसान हैं। कुंदन 2011 में बिहार रेजिमेंट कटिहार में भर्ती हुए थे। तीन साल पहले उनकी शादी हुई थी। परिजन के मुताबिक, शहीद कुंदन पांच महीने पहले घर आए थे। 15 दिन पहले उनसे फोन पर बात हुई थी।
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