अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण और संतुलित बयान जारी किया है। उन्होंने साफ कहा कि ईरान और इज़राइल दोनों ने संघर्षविराम (Ceasefire) का उल्लंघन किया है।
👉 ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल से हमला कर संघर्षविराम की धज्जियां उड़ाईं।
👉 लेकिन ट्रंप ने इज़राइल को संयम बरतने और जवाबी कार्रवाई से बचने की सख्त सलाह दी है।
👉 ट्रंप बोले: "मैं ना ईरान से खुश हूं और ना ही इज़राइल से।"
इस बयान के कई गंभीर संकेत हैं—
🔹 अमेरिका अब दो टूक संदेश देना चाहता है कि वह किसी एक पक्ष के अंध समर्थन में नहीं है।
🔹 शांति और संयम की अपील, जबकि ज़मीनी हालात युद्ध की ओर बढ़ते दिख रहे हैं।
🔹 ट्रंप का यह रुख अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक नया मोड़ ला सकता है।
अब सवाल यह है:
❓ क्या इज़राइल ट्रंप की सलाह मानकर शांत रहेगा?
❓ या फिर ईरान के हमले का जवाब देना उसकी रणनीतिक मजबूरी बन जाएगी?
जो भी हो, ट्रंप का यह बयान बताता है कि अब अमेरिका भी वॉच मोड में है, लेकिन किसी भी स्थिति में आग में घी डालने के मूड में नहीं।