इतिहास से छेड़छाड़? यूनुस प्रशासन ने शपथ से हटाया 1971 का मुक्ति संग्राम और शेख मुजीबुर रहमान का नाम। बांग्लादेश में यूनुस प्रशासन के एक विवादित फैसले ने नई बहस को जन्म दे दिया है। देश के स्कूलों में हर सुबह ली जाने वाली शपथ से अब 1971 के ऐतिहासिक मुक्ति संग्राम और राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान का उल्लेख हटा दिया गया है।
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बदलाव चुपचाप लागू किया गया और कई शिक्षकों और छात्रों ने हैरानी जताई है। क्या यह सिर्फ एक सामान्य बदलाव है या इतिहास को मिटाने की एक संगठित कोशिश? शेख मुजीब वही नेता हैं जिन्होंने बांग्लादेश को आज़ादी दिलाई, जिनकी कुर्बानी और नेतृत्व की बदौलत एक नया राष्ट्र बना। 1971 का मुक्ति संग्राम बांग्लादेश की आत्मा है—उस संघर्ष को भुलाना पूरे देश की पहचान को कमजोर करना है।
ऐसे समय में जब युवा पीढ़ी को अपने इतिहास से जोड़ने की ज़रूरत है, तब इतिहास के नायकों का नाम हटाना क्या उन्हें अंधेरे में धकेलना नहीं है? आपका क्या कहना है इस फैसले पर?