दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ‘शीशमहल’ के नवीनीकरण में हुए भ्रष्टाचार की जाँच केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने शुरू कर दी है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) को इस मामले में विस्तृत जाँच करने को कहा गया है। बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर यह जाँच शुरू हुई। आरोपों के अनुसार, केजरीवाल ने नियमों का उल्लंघन करते हुए सरकारी संपत्तियों को ध्वस्त कर अपने नए आवास में शामिल कर लिया। इस मामले में वित्तीय अनियमितताओं की भी जाँच की जाएगी।
शीशमहल घोटाले का खुलासा
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित उनके आवास के नवीनीकरण में बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन किया गया। इस मामले में बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने 14 अक्टूबर 2024 को केंद्रीय सतर्कता आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अवैध रूप से 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में फैली एक आलीशान हवेली का निर्माण करवाया। यह सरकारी संपत्ति थी, जिसे ध्वस्त कर नए आवास में शामिल कर लिया गया।
Central Vigilance Commission orders probe into the renovations of former Delhi chief minister Arvind Kejriwal's residence@DhantaNews shares more details @Elizasherine | #arvindkejriwal #sheeshmahal #delhi pic.twitter.com/2BhTRpJkTt
— News18 (@CNNnews18) February 15, 2025
भ्रष्टाचार के आरोप और सरकारी संपत्तियों का अतिक्रमण
शिकायत के अनुसार, केजरीवाल के इस आलीशान आवास का निर्माण भवन निर्माण नियमों के खिलाफ किया गया। इसमें राजपुर रोड पर स्थित प्लॉट नंबर 45 और 47, जो पहले वरिष्ठ अधिकारियों और न्यायाधीशों के आवास थे, को मिलाकर एक विशाल आवास बना दिया गया। इसमें टाइप-वी फ्लैट और दो सरकारी बंगले (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) को ध्वस्त कर दिया गया और उसे एक निजी आवास में शामिल कर लिया गया।
सीवीसी द्वारा जाँच के आदेश
16 अक्टूबर 2024 को केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने इस मामले में शिकायत दर्ज की और जाँच शुरू की। इसके बाद 5 नवंबर 2024 को CVC ने CPWD को इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। CPWD की प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि इस निर्माण में नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसके आधार पर 13 फरवरी 2025 को CVC ने विस्तृत जाँच के आदेश दिए।
नवीनीकरण में खर्च और वित्तीय अनियमितताओं की जाँच
CVC की इस जाँच में यह देखा जाएगा कि नवीनीकरण में खर्च की गई राशि वैध थी या नहीं। साथ ही, यह भी जाँचा जाएगा कि क्या इस निर्माण में कोई वित्तीय अनियमितताएँ हुईं। बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने इस मामले में दूसरी शिकायत भी दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने ‘फिजूलखर्ची‘ और ‘बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता’ के आरोप लगाए थे। यह शिकायत 21 अक्टूबर 2024 को दायर की गई थी।
क्या होगा अगला कदम?
CVC और CPWD की विस्तृत जाँच के बाद यह तय किया जाएगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की जाएगी। अगर वित्तीय अनियमितताओं के प्रमाण मिलते हैं, तो केजरीवाल और अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और जनता की नजरें इस जाँच के परिणाम पर टिकी हुई हैं।
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