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रोहंगिया प्रेमी अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बिहार यूपी के लोगों को बताया फर्जी वोटर

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट में हेराफेरी और फर्जी वोटिंग का गंभीर आरोप लगाया है। उनका दावा है कि यूपी-बिहार के लोगों को फर्जी वोटर बनाकर वोटर लिस्ट में जोड़ा जा रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। भाजपा ने केजरीवाल के आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार किया और उन पर रोहिंग्या-बांग्लादेशियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।


दिल्ली चुनावों में लोकतंत्र पर संकट: केजरीवाल का दावा

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में चुनावी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि फर्जी वोटरों के माध्यम से चुनाव को प्रभावित किया जा रहा है। उनके अनुसार, नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में 15 दिसंबर से 7 जनवरी के बीच 5500 मतदाता सूची से नाम हटाने के आवेदन आए हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी आवेदन फर्जी थे और इनकी जांच की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग तुरंत कार्रवाई नहीं करता, तो दिल्ली में लोकतंत्र की हत्या हो जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय चुनाव अधिकारी भाजपा के दबाव में काम कर रहे हैं।


फर्जी आवेदन और वोट कटने की समस्या

केजरीवाल ने दावा किया कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में वोटरों के नाम हटाने और जोड़ने के फर्जी आवेदन दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 13000 नए वोटरों के नाम जोड़ने के लिए आवेदन आए हैं, जबकि विधानसभा क्षेत्र की कुल मतदाता संख्या एक लाख के करीब है।

उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतने कम समय में इतने नए वोटर कैसे आ सकते हैं? केजरीवाल का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से एक बड़े स्तर पर हो रहा घोटाला है, जिसमें भाजपा की संलिप्तता है।


यूपी-बिहार के लोगों पर फर्जी वोटर होने का आरोप

केजरीवाल ने यूपी-बिहार के लोगों को फर्जी वोटर करार दिया और आरोप लगाया कि भाजपा इन लोगों को अन्य राज्यों से लाकर वोटर लिस्ट में शामिल कर रही है। उनका कहना है कि यह भाजपा की साजिश है, जिससे दिल्ली के चुनावी माहौल को प्रभावित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र में अगर 18.5% वोट हेरफेर के माध्यम से बदले जाएं, तो यह चुनाव नहीं, बल्कि एक मजाक है। उन्होंने इसे लोकतंत्र का मजाक उड़ाने वाला बताया।


प्रवेश वर्मा पर गंभीर आरोप

अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के प्रत्याशी प्रवेश वर्मा पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वर्मा दिल्ली में वोटरों को लुभाने के लिए पैसे बांट रहे हैं और जॉब कैंप आयोजित कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने वर्मा पर हेल्थ कैंप के जरिए लोगों को चश्मे बांटने और 15 जनवरी को जॉब फेयर आयोजित करने का भी आरोप लगाया।

केजरीवाल ने चुनाव आयोग से वर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वर्मा के घर पर रेड डालकर इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए।


चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल

केजरीवाल ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय चुनाव अधिकारी भाजपा के दबाव में काम कर रहे हैं और सही तरीके से जांच नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने चुनाव आयोग से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की और कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो यह दिल्ली के लोकतांत्रिक ढांचे को नुकसान पहुंचाएगा। उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की।


भाजपा का पलटवार: यूपी-बिहार के लोगों का अपमान

केजरीवाल के आरोपों पर भाजपा ने जोरदार पलटवार किया। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि केजरीवाल यूपी-बिहार के लोगों को फर्जी वोटर कह रहे हैं, जबकि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को संरक्षण दे रहे हैं।

भाजपा ने केजरीवाल पर दिल्ली में रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को बसाने और उन्हें सरकारी सुविधाएं प्रदान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में रह रहे यूपी-बिहार के लोग केजरीवाल के लिए फर्जी हैं, लेकिन घुसपैठिये उनके करीबी हैं।


बांग्लादेशी-रोहिंग्या मुद्दे पर उठा विवाद

भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी नीतियों के कारण दिल्ली में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान बस गए हैं। भाजपा का कहना है कि इन लोगों को मुफ्त बिजली, पानी और अन्य सुविधाएं देकर एएपी सरकार ने उन्हें प्रोत्साहित किया है।

इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा ने मांग की है कि इन घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर किया जाए।


लोकल अधिकारियों को हटाने की मांग

केजरीवाल ने चुनाव आयोग से स्थानीय चुनाव अधिकारियों को हटाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि ये अधिकारी भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं और निष्पक्षता से अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों को हटाकर उनकी जगह ईमानदार और निष्पक्ष अधिकारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। इससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।


दिल्ली चुनाव में लोकतंत्र का भविष्य

दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान फर्जी वोटिंग और हेराफेरी के आरोपों ने लोकतंत्र की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर इन आरोपों की सही तरीके से जांच नहीं हुई, तो यह दिल्ली की राजनीति के लिए गंभीर चुनौती साबित हो सकती है।

इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच बढ़ती खाई को पाटने और चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करना होगा।


निष्कर्ष: समाधान की आवश्यकता

दिल्ली चुनावों में उठे इस विवाद ने एक बार फिर से भारतीय राजनीति में निष्पक्षता और पारदर्शिता की जरूरत को उजागर किया है। फर्जी वोटिंग और हेराफेरी जैसे मुद्दों पर सख्त कार्रवाई और निष्पक्ष जांच से ही जनता का विश्वास बहाल हो सकता है।

विपक्षी दलों को भी चाहिए कि वे अपनी शिकायतों को प्रमाणों के साथ प्रस्तुत करें, ताकि इन पर सही तरीके से विचार किया जा सके। लोकतंत्र की सफलता इसी में है कि हर नागरिक को निष्पक्षता और पारदर्शिता का भरोसा दिलाया जाए।