योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में बड़ा एक्शन लेते हुए 2.44 लाख सरकारी कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है। यह निर्णय उन कर्मचारियों के खिलाफ लिया गया है जिन्होंने अपनी संपत्ति का विवरण निर्धारित समय सीमा के भीतर जमा नहीं किया। मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में 31 अगस्त तक सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा जमा करने के निर्देश दिए गए थे।
हालांकि, समय सीमा बीतने के बाद भी केवल 71% कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का विवरण प्रस्तुत किया। शेष 29% कर्मचारियों ने इस आदेश का पालन नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप उनका वेतन रोक दिया गया है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है, जिससे किसी भी प्रकार की बेनामी संपत्ति या भ्रष्टाचार की संभावना को समाप्त किया जा सके।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जब तक ये कर्मचारी अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा नहीं देते, तब तक उनका वेतन रोका रहेगा। इस कार्रवाई से राज्य के सरकारी कर्मचारियों में हलचल मच गई है और इससे आगे के कदमों को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं।