संक्षेप, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों को अधिक लाभकारी पेंशन योजना प्रदान करना है। यह योजना ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के बीच एक सेतु के रूप में काम करेगी, जिसमें दोनों योजनाओं के प्रमुख लाभ शामिल होंगे। UPS के तहत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद आजीवन पेंशन मिलेगी, जो उनके अंतिम 12 महीनों के वेतन का 50% होगा। UPS को NPS और OPS की तुलना में अधिक लाभकारी और सुरक्षित माना जा रहा है।
मुख्य बिंदु समझते है आसान भाषा में :
1. यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)
UPS केंद्र सरकार की एक नई पहल है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को एक सुरक्षित और लाभकारी पेंशन योजना प्रदान करना है। यह योजना OPS की तरह कार्य करेगी और NPS के कुछ आवश्यक लाभ भी इसमें शामिल होंगे। UPS के तहत, कर्मचारियों को उनके अंतिम 12 महीनों के वेतन के 50% के बराबर आजीवन पेंशन मिलेगी। इस योजना का लाभ पाने के लिए कम से कम 25 वर्षों की सेवा का मापदंड रखा गया है।
2. UPS के प्रमुख लाभ
UPS चुनने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले उनके अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन का 50% पेंशन मिलेगी। इसके अलावा, इस योजना में न्यूनतम 10 वर्षों की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को 10,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन का प्रावधान है। इस योजना में ग्रेच्युटी के साथ एकमुश्त सुपरएनुएशन भी शामिल है। महंगाई राहत भी अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) पर आधारित होगी।
3. UPS में सरकार का योगदान
UPS में सरकार का योगदान NPS की तुलना में अधिक होगा। इसमें सरकार कर्मचारियों के वेतन का 18.5% योगदान देगी, जबकि NPS में यह योगदान 14% है। UPS में कर्मचारियों को उनके वेतन का 10% योगदान देना होगा। इसके अलावा, UPS में महंगाई के अनुसार पेंशन राशि में बढ़ोतरी भी होगी, जिससे पेंशनधारकों को अधिक लाभ मिलेगा।
4. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS): एक तुलना
NPS को 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने लागू किया था। इस योजना के तहत कर्मचारियों को पेंशन में योगदान देना पड़ता है। NPS में कर्मचारी अपने वेतन का 10% योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14% का योगदान करती है। NPS में पेंशन की राशि कर्मचारियों के योगदान और मार्केट परफॉर्मेंस पर निर्भर करती है, जिससे पेंशन की राशि में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
5. ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS): एक पुरानी पेंशन व्यवस्था
OPS में कर्मचारियों को पेंशन के लिए कोई योगदान नहीं देना पड़ता था और यह पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्तपोषित होती थी। OPS में पेंशन की राशि अंतिम वेतन का 50% होती थी और महंगाई भत्ते के साथ यह राशि बढ़ती थी। हालांकि, OPS को अब बंद कर दिया गया है और NPS इसकी जगह ले चुकी है।
6. UPS और NPS में अंतर
UPS और NPS के बीच प्रमुख अंतर यह है कि UPS में कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन मिलेगी, जो उनके अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन और महंगाई भत्ते का 50% होगी। वहीं, NPS में पेंशन की राशि मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। UPS में न्यूनतम पेंशन 10,000 रुपये प्रतिमाह है, जबकि NPS में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
7. UPS का लाभकारी पक्ष
UPS में कर्मचारियों के लिए महंगाई राहत का प्रावधान है, जिससे पेंशनधारकों को महंगाई के अनुसार पेंशन में बढ़ोतरी मिलेगी। इसके अलावा, UPS में सरकार का योगदान NPS की तुलना में अधिक है, जिससे यह योजना कर्मचारियों के लिए अधिक लाभकारी साबित हो सकती है। UPS में सरकार का योगदान 18.5% है, जबकि NPS में यह 14% है।
8. तीनों योजनाओं में कौन बेहतर?
OPS सबसे बेहतर पेंशन योजना मानी जाती थी, क्योंकि इसमें कर्मचारियों को कोई योगदान नहीं देना पड़ता था और सरकार सभी खर्चों का वहन करती थी। हालांकि, UPS को भी एक लाभकारी योजना माना जा रहा है, क्योंकि इसमें OPS और NPS दोनों के प्रमुख लाभ शामिल हैं। UPS में कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन मिलेगी, जबकि NPS में पेंशन की राशि मार्केट पर निर्भर करती है। ऐसे में, UPS और NPS के बीच चुनाव करना कर्मचारियों की प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा।