तेलंगाना के एक सरकारी स्कूल के हॉस्टल में उपमा का नाश्ता करने के बाद 35 छात्र बीमार पड़ गए। जांच में पता चला कि नाश्ते में छिपकली पड़ी हुई थी। यह घटना 9 जून 2024 की है। छात्रों ने बताया कि नाश्ता करने के बाद उन्हें उल्टी और दस्त के लक्षण दिखाई दिए, जिसके कारण वे बीमार हो गए। घटना के बाद स्कूल अधिकारियों ने तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की और खाने को जांच के लिए भेजा। शिक्षा मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया है और राज्य सरकार ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की है।
घटना का विवरण :
तेलंगाना के एक सरकारी स्कूल के हॉस्टल में मंगलवार, 9 जून 2024 को उपमा का नाश्ता करने के बाद 35 छात्र बीमार पड़ गए। छात्रों ने बताया कि उन्होंने नाश्ते में छिपकली पड़ी देखी थी। नाश्ता करने के कुछ ही देर बाद बच्चों को उल्टी और दस्त होने लगे। छात्रों के बीमार पड़ने के बाद स्कूल के अधिकारियों ने तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की।
प्राथमिक जांच :
शुरुआती जांच में पता चला कि खाना बनाने के दौरान छिपकली गलती से गिरी होगी। हालांकि, इस गलती से इतने बच्चे बीमार पड़ गए, इसलिए भारत सरकार के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। बच्चों के खाने को भी जांच के लिए भेजा गया है।
शिक्षा मंत्रालय का बयान :
शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि तेलंगाना राज्य सरकार ने सूचित किया है कि यह घटना तेलंगाना सरकार के मॉडल स्कूल के छात्रावास में हुई है। राज्य सरकार ने बताया कि वे अपनी स्वयं की योजना के तहत मॉडल स्कूलों को नाश्ता उपलब्ध कराते हैं और यह पीएम पोषण योजना के अंतर्गत नहीं आती है। राज्य सरकार ने यह भी सूचित किया कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की है।
पीएम पोषण योजना :
शिक्षा मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि पीएम पोषण योजना स्कूलों में गर्म पका हुआ मध्याह्न भोजन प्रदान करती है और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सुरक्षा मानदंडों को सुनिश्चित करने और छात्रों के लिए ठीक से पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है। इस योजना का उद्देश्य बच्चों को पौष्टिक और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराना है।
अन्य घटनाएँ :
यह हैदराबाद में हुई कोई पहली घटना नहीं है। हैदराबाद के सुल्तानपुरा स्थित जवाहरलाल नेहरू टेक्निकल यूनिवर्सिटी में भी इस तरह का मामला सामने आया था। हॉस्टल के मेस में परोसी गई चटनी के साथ कथिततौर पर चूहा तैरता मिला था। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले में तमाम सवाल खड़े हुए थे।
भविष्य के लिए आवश्यक कदम :
अब इस मामले में भी प्रश्न खड़े हो रहे हैं इसीलिए स्कूल मैनेजमेंट ने घटना की गहन जांच करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने का वादा किया है। यह महत्वपूर्ण है कि स्कूल प्रबंधन भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए। बच्चों की स्वास्थ्य और सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।
निष्कर्ष :
इस घटना ने फिर से खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के महत्व को उजागर किया है। बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही अस्वीकार्य है। सरकार और शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों और बच्चों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिल सके।