कांग्रेस पार्टी और उसके समर्थक राहुल गांधी और अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच फोन पर बातचीत के दावे कर रही थी। यह खबर प्रमुख मीडिया संस्थानों और कांग्रेस नेताओं ने जोर-शोर से फैलायी। हालांकि, अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कार्यालय ने इस दावे को खारिज कर दिया है, और किसी भी मुलाकात की पुष्टि नहीं की है। विश्व में पीएम मोदी को मिलते सम्मान को देख ये लोग जलन में अपने मुंह मिठ्ठू मियां बन कर राहुल गांधी को अंतराष्ट्रीय नेता घोषित करने के लिए झूठ फैला रहे है।
कांग्रेस का दावा :
कांग्रेस पार्टी के इकोसिस्टम का कहना है कि राहुल गांधी ने अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की है। कांग्रेस समर्थक पत्रकार और मीडिया संस्थानों ने भी इस खबर को जमकर फैलाया। 'द इकोनॉमिक टाइम्स', 'टाइम्स नाउ', NDTV, 'द फेडरल न्यूज', 'डेक्कन हेराल्ड', Outlook, 'ABP न्यूज' और 'टेलीग्राफ इंडिया' ने इस रिपोर्ट को शेयर किया।
राहुल समर्थक और नेताओं ने भी फैलाया झूठ :
कांग्रेस के कई नेताओं ने भी इस खबर को शेयर किया। लेखक हर्ष तिवारी ने दावा किया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी का कद काफी बढ़ गया है और दुनिया उन्हें अगले प्रधानमंत्री के रूप में देख रही है। इंदिरा गांधी के कट्टर समर्थक रविंदर कपूर और कांग्रेस के वफादार पत्रकार आदेश रावल ने भी इस रिपोर्ट को शेयर किया। 'कांग्रेस टास्कफोर्स' से जुड़े अंकित मयंक ने लिखा कि राहुल गांधी के लिए किसी देश के बड़े नेता से यह पहली बातचीत है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं :
नागालैंड की कांग्रेस नेता वेनिशा जी कीबा ने भी इस दावे को दोहराया। मोदी विरोधी ट्वीट्स करने वाले गरुराज अनजान ने इसे एक बदलाव करार दिया। कांग्रेस समर्थक प्रह्लाद दलवाड़ी ने राहुल गांधी को 'भारत का शैडो प्रधानमंत्री' तक करार दिया। 'ABP न्यूज' के आशीष सिंह और 'हिंदुस्तान टाइम्स' के राजनीतिक संपादक विनोद शर्मा ने भी यह दावा किया।
सच्चाई क्या है?
अब हम इस दावे की सच्चाई बताते हैं। असल में राहुल गांधी और कमला हैरिस के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। अमेरिका की उप-राष्ट्रपति की वेबसाइट पर भी इस संबंध में कुछ उपलब्ध नहीं है, न ही अमेरिकी मीडिया ने ऐसा कुछ चलाया है।
अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कार्यालय की प्रतिक्रिया :
समाचार एजेंसी PTI के चीफ कॉरेस्पोंडेंट ललित K झा ने अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कार्यालय से बात की। अमेरिकी वाईस प्रेसिडेंट ऑफिस ने कहा है कि यह खबर गलत है। अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कार्यालय ने इस खबर की पुष्टि नहीं की है, और इसे पूरी तरह से नकार दिया है। कांग्रेस समर्थक फर्जी खबर पर लहालोट हुए जा रहे थे। इस तरह की गलत जानकारी फैलाने से जनता के बीच भ्रम पैदा होता है और मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।
निष्कर्ष :
राहुल गांधी और कमला हैरिस के बीच किसी भी तरह की मुलाकात नहीं हुई है। कांग्रेस पार्टी और उसके समर्थकों द्वारा फैलायी गई यह खबर पूरी तरह से गलत साबित हुई है। ऐसे मामलों में सत्यता की जांच बेहद आवश्यक है ताकि जनता को सही जानकारी मिल सके और अफवाहों से बचा जा सके। इस घटना से यह साफ होता है कि हमें सोशल मीडिया और समाचारों में आई खबरों की सत्यता को जांचने की जरूरत है। फर्जी खबरें और गलत जानकारी फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि किसी भी खबर पर विश्वास करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच करना जरूरी है। कांग्रेस पार्टी और उसके समर्थकों द्वारा फैलायी गई इस फर्जी खबर ने जनता के बीच भ्रम पैदा किया, लेकिन सच्चाई का पर्दाफाश होने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि राहुल गांधी और कमला हैरिस के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई है।