केरल क्रिकेट एसोशिएशन (KCA) के पूर्व कोच मनु पर महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगा है। आरोपित पर POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है और KCA को नोटिस जारी कर के स्पष्टीकरण मांगा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने एक पैनल का गठन किया है।
कोच मनु पर गंभीर आरोप :
केरल क्रिकेट एसोशिएशन (KCA) के पूर्व कोच मनु पर महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगा है। मनु पर POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। आरोप है कि उसने महिला खिलाड़ियों की नग्न तस्वीरें खींची और प्रशिक्षण के दौरान उनसे छेड़खानी की।
राज्य मानवाधिकार आयोग का हस्तक्षेप :
राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस घटना का संज्ञान लिया है और KCA को नोटिस जारी कर के स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया था। इन रिपोर्ट्स में बताया गया था कि मनु ने 10 साल से अधिक समय तक कोच रहते हुए कई नाबालिग खिलाड़ियों का यौन उत्पीड़न किया था।
नग्न तस्वीरें और छेड़खानी के आरोप :
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मनु ने क्रिकेट टीम में चयन के लिए जरूरी बताते हुए कई नाबालिग लड़कियों की नग्न तस्वीरें खींची थीं। उस पर तमिलनाडु के तेनकासी ले जाकर महिला खिलाडियों से छेड़छाड़ करने का भी आरोप है। इन्हीं रिपोर्ट्स के आधार पर मनु पर केस दर्ज कर लिया गया।
जांच के लिए पैनल का गठन :
राज्य मानवाधिकार आयोग ने इन आरोपों की पुष्टि के लिए एक पैनल का गठन किया है। मनु पर केस दर्ज होने के बाद 5 लड़कियाँ सामने आई हैं जिन्होंने मनु के खिलाफ अपने बयान दर्ज करवाए हैं। पुलिस ने मनु को तिरुवनंतपुरम से गिरफ्तार कर लिया है और उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई।
न्यायिक हिरासत में मनु :
आखिरकार, आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस मामले में आयोग ने KCA को भी तलब किया और KCA ने बताया कि उन्हें इन घटनाओं की जानकारी नहीं थी। KCA ने पीड़िताओं को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।
पूर्व में भी लगे थे आरोप :
मनु पर पूर्व में भी एक महिला खिलाड़ी ने यौन शोषण का आरोप लगाया था, हालाँकि बाद में लड़की अपने बयान से मुकर गई थी। इस बार मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने त्वरित कार्रवाई की है।
निष्कर्ष :
इस घटना ने केरल क्रिकेट एसोशिएशन और खेल जगत को झकझोर कर रख दिया है। ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी कोच या शिक्षक ऐसी हरकत करने की हिम्मत न करे। पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।