उत्तराखंड सरकार ने ऐलान किया है कि राज्य सरकार अग्निवीरों को न सिर्फ नौकरी देगी, बल्कि आरक्षण की भी व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश की सेवा कर लौटने वाले सभी अग्निवीरों को राज्य सरकार की सेवाओं में समायोजित किया जाएगा। साथ ही उनके लिए आरक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी। भारतीय सेना में शामिल अग्निवीरों की संख्या 1 लाख के पार हो गई है और 50 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जा रही है। सेना ने बताया है कि वे आम सैनिकों की तरह सभी ड्यूटी निभा रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार की बड़ी घोषणा :
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की नौकरियों में अग्निवीरों को समायोजित करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नौकरियों में अग्निवीरों के लिए आरक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी। धामी ने यह घोषणा एक कार्यक्रम में की, जिसमें उन्होंने सेना के अधिकारियों, पूर्व अधिकारियों, जवानों और अन्य लोगों के साथ बैठक की थी। सरकार ने 15 जून 2022 को ही ऐलान कर दिया था कि उत्तराखंड सरकार अग्निवीरों को राज्य सरकार की नौकरियों में समायोजित करेगी और अब उस दिशा में आधिकारिक तौर पर कदम बढ़ा दिए गए हैं।
अग्निवीर योजना का समर्थन :
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सैनिकों का राज्य है और यहाँ सैनिकों को अपने आगामी जीवन को लेकर परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अधिकारियों को ठोस योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि अग्निवीरों को प्राथमिकता के तौर पर समायोजित किया जा सके। धामी ने यह भी कहा कि यदि इस काम के लिए विशेष कानून बनाने की जरूरत पड़ी, तो राज्य सरकार वह कदम भी उठाएगी। हरियाणा सरकार भी राज्य सरकार की नौकरियों में समायोजन और आरक्षण की घोषणा कर चुकी है।
सेना में 1 लाख अग्निवीर भर्ती :
अग्निपथ योजना की वर्तमान स्थिति और नियोजित अग्निवीरों की संख्या के बारे में भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल चन्नीरा बंसी पोनप्पा ने कहा कि जून 2022 से यह योजना शुरू की गई है और फिर दिसंबर 2022-जनवरी 2023 में पहला बैच भर्ती किया गया था। उन्होंने बताया कि लगभग 1 लाख अग्निवीर सेना में भर्ती हुए हैं। इसमें लगभग 200 महिलाएँ भी शामिल हैं, और लगभग 70,000 को पहले ही इकाइयों में भेजा जा चुका है और वे बटालियनों में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।
अग्निवीरों की भूमिका :
लेफ्टिनेंट जनरल पोनप्पा ने बताया कि अग्निवीर वह सभी काम कर रहे हैं जो आम सैनिक करते हैं। चाहे वह ऑपरेशन काम हो या अन्य पेशेवर काम, अग्निवीर पूरी तरह से सेना में घुलमिल गए हैं। उन्होंने बताया कि अग्निवीर एक जैसी वर्दी पहनते हैं और एक जैसी ड्यूटी करते हैं। अग्निवीरों को सेना के साथ-साथ अन्य सरकारी नौकरियों, अर्धसैनिक बलों और पुलिस में भी समायोजित किया जा रहा है।
#WATCH | On the current status of Agnipath scheme, the number of Agniveers being employed, Lieutenant General Channira Bansi Ponnappa- Adjutant General of the Indian Army, says, "Since June 2022, the scheme was launched and then we had the first batch that was recruited and… pic.twitter.com/okwXzpqycF
— ANI (@ANI) July 21, 2024
अग्निवीर स्कीम की शुरुआत :
भारत सरकार ने 2022 में अग्निवीर स्कीम की घोषणा की थी, जिसमें 4 साल के लिए अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। इस दौरान उनकी ट्रेनिंग और उच्च शिक्षा की भी व्यवस्था की जाएगी। इस योजना के तहत 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में स्थाई कमीशन दिया जाएगा, जबकि 75 प्रतिशत अग्निवीरों को वापस देश की सिविलियन लाइफ में भेज दिया जाएगा। इन अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों, अर्धसैनिक बलों और पुलिस में आरक्षण दिया जाएगा।
उत्तराखंड सरकार की अग्निवीर योजना :
उत्तराखंड सरकार की अग्निवीर योजना सैनिकों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल सैनिकों को नौकरी देने की बात करती है, बल्कि उन्हें समाज में सम्मिलित करने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने का भी प्रयास करती है। मुख्यमंत्री धामी का यह कदम राज्य के सैनिकों के प्रति उनके समर्पण और समर्थन को दर्शाता है। अग्निवीर योजना ने देश के युवा सैनिकों को एक नया अवसर प्रदान किया है और उनके भविष्य को सुरक्षित किया है।