दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर रोक लगा दी है, जो कि राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा मंजूर की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस फैसले को चुनौती दी, जिसके बाद हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को रोक दिया। अब हाई कोर्ट के फैसले तक केजरीवाल जेल में रहेंगे। ईडी का कहना है कि केजरीवाल ने जांच में सहयोग नहीं किया और अपने मोबाइल का पासवर्ड नहीं दिया।
अदालत का आदेश :
हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ट्रायल कोर्ट के आदेश को प्रभावी नहीं माना जाएगा जब तक हाई कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई नहीं करता। जस्टिस सुधीर जैन और जस्टिस रविंदर डुडेजा की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया।
ईडी की आपत्ति :
एएसजी राजू ने ईडी की ओर से पेश होकर कहा कि उन्हें मामले में दलीलें रखने का मौका नहीं मिला। उन्होंने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल ने जांच में सहयोग नहीं किया और मोबाइल का पासवर्ड देने से इंकार कर दिया।
राउज एवेन्यू कोर्ट का फैसला :
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून 2024 को केजरीवाल को दो शर्तों के साथ बेल दी थी। पहली शर्त थी कि वह मामले की जांच में बाधा नहीं डालेंगे और दूसरी शर्त थी कि जरूरत पड़ने पर अदालत में पेश होंगे।
गिरफ्तारी और हिरासत :
अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया था। उन्हें 10 मई को चुनावों के लिए 21 दिन की जमानत मिली थी, लेकिन 2 जून को फिर से तिहाड़ जेल में भेज दिया गया था। 19 जून को उनकी न्यायिक हिरासत को 3 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था।
निष्कर्ष :
इस मामले में हाई कोर्ट का अंतिम फैसला आना बाकी है, जिसके बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि केजरीवाल की जमानत स्थायी रूप से मंजूर होगी या नहीं। फिलहाल, उन्हें जेल में रहना होगा और अदालत की अगली सुनवाई का इंतजार करना होगा।