लोकसभा चुनाव 2024 के मतगणना से पहले चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इसमें सात चरणों के मतदान के आंकड़ों और उपलब्धियों की जानकारी दी गई। चुनाव आयोग ने इस बार कई महत्वपूर्ण कदम उठाए और नए मानदंड स्थापित किए।
अभूतपूर्व मतदान और महिलाओं की भागीदारी :
चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार के चुनाव में 64.2 करोड़ लोगों ने मतदान किया। यह संख्या यूरोपीय संघ (EU) के 27 देशों के कुल मतदाताओं से 2.5 गुना ज्यादा है। महिलाओं की भागीदारी भी ऐतिहासिक रही। 31 करोड़ महिलाओं ने इस बार के चुनाव में हिस्सा लिया, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। यह भारत के लोकतंत्र की सुदृढ़ता और महिलाओं की बढ़ती राजनीतिक जागरूकता का प्रतीक है।
कठोर निरीक्षण और जब्ती अभियान :
चुनाव आयोग ने बताया कि चुनाव के दौरान किसी भी हेलीकॉप्टर की जांच करने से पीछे नहीं हटा गया। इसका उद्देश्य यह संदेश देना था कि चुनाव आयोग की टीम किसी भी तरह के डर या दबाव में काम नहीं करती। इस कठोर निरीक्षण के परिणामस्वरूप 10,000 करोड़ रुपये जब्त किए गए, जो 2019 में जब्त की गई राशि का लगभग तीन गुना है। आयोग ने कहा कि हमने पैसे और मुफ्त की रेवड़ी का बंटवारा रोकने में सफलता पाई। पहले चुनावों में शराब, साड़ी आदि का बंटवारा होता था, जिसे इस बार पूरी तरह से रोका गया।
योजनाबद्ध मतदान और मुस्तैद मतगणना :
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जिस तरह योजनाबद्ध तरीके से वोटिंग कराई गई, उसी तरह मतगणना भी मुस्तैदी से होगी। देश भर में 10.50 लाख बूथ स्थापित किए गए हैं। एक हॉल में 14 टेबल और 8,000 से ज्यादा उम्मीदवारों की उपस्थिति रहेगी। लगभग 30 से 35 लाख लोग इस प्रक्रिया में शामिल होंगे, और माइक्रो ऑब्जर्वर की निगरानी में मतगणना होगी। कुमार ने आश्वासन दिया कि गलती की संभावना को न्यूनतम रखा जाएगा और मानवीय गलतियों को सुधारने के लिए तत्पर रहेंगे।
आचार संहिता में बदलाव और विकास कार्यों की निरंतरता :
चुनाव आयोग ने इस बार आचार संहिता में बदलाव किए हैं। पहले आचार संहिता लागू होते ही सभी विकास कार्य बंद हो जाते थे। इस बार आयोग ने 48 घंटे का समय दिया ताकि सरकारी योजनाएं चलती रहें। नया नैरेटिव सेट करने के लिए राजनेताओं के रिश्तेदारों को मुख्यमंत्री कार्यालय से हटाया गया। सीविजिल ऐप पर 4.56 लाख हिंसा के मामले दर्ज हुए, जिन पर कार्रवाई की गई। कई नेताओं के खिलाफ प्रशासनिक तबादले, नोटिस और FIR जारी किए गए।
बैलेट पेपर की गिनती पर विपक्ष की मांग का सम्मान :
विपक्ष द्वारा बैलेट पेपर की गिनती की मांग को स्वीकारते हुए, कुमार ने कहा कि हर चुनाव में बैलेट पेपर की गिनती पहले शुरू होती है और इस बार भी बैलेट पेपर की गिनती पहले शुरू की जाएगी। इसके बाद EVM की गिनती की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग पर 1 करोड़ वोटर बढ़ाने का आरोप झूठा है और मत प्रतिशत का बढ़ना चुनाव प्रक्रिया का ही हिस्सा है।
18वीं लोकसभा चुनाव की समापन :
देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनावी प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। अब 4 जून को नतीजे आएंगे। 7 चरणों में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की 542 सीटों पर लगभग 65.14 प्रतिशत मतदान हुआ है। 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान हुआ था और 1 जून को आखिरी चरण का। इस तरह चुनावी प्रक्रिया कुल 46 दिन तक चली, जो 1952 के बाद से सबसे लंबी है।
हमारा निष्कर्ष :
18वीं लोकसभा चुनाव 2024 ने भारतीय लोकतंत्र की सुदृढ़ता को और भी मजबूत किया है। चुनाव आयोग के कठोर निरीक्षण, प्रभावी जब्ती अभियान और महिलाओं की भागीदारी ने इस चुनाव को ऐतिहासिक बना दिया है। मतगणना की प्रक्रिया में भी आयोग की मुस्तैदी और पारदर्शिता देखने को मिलेगी। अब सभी की निगाहें 4 जून के परिणामों पर हैं, जो यह तय करेंगे कि अगले पांच वर्षों के लिए देश की दिशा और दशा क्या होगी।

