4% मुस्लिम आबादी फिर भी गांव का नाम बदलकर रख दिया इस्लाम नगर, ब्रम्हस्थान का नाम बदलकर कर दिया मदरसा चौक। पुलिस भी कर रही है कट्टरपंथियों का समर्थन।
नेपाल के रौतहट जिले के गरुडा नगरपालिका वॉर्ड नंबर 6 के पोठियाही गाँव में साम्प्रदायिक तनाव की खबर है। यहाँ मुस्लिम समुदाय ने गाँव का नाम इस्लाम नगर रखकर बोर्ड लगाया, जिसका हिन्दू समुदाय ने विरोध किया और बोर्ड उखाड़ दिया। इसके बाद दोनों समुदायों के बीच झड़प हुई। पुलिस ने मुस्लिम समुदाय को सुरक्षा दी, जिससे हिन्दू समुदाय नाराज है। यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और सांप्रदायिक तनाव का उदाहरण है।
रौतहट जिले में साम्प्रदायिक तनाव: एक विस्तृत विश्लेषण :
रौतहट जिले के गरुडा नगरपालिका वॉर्ड नंबर 6 के पोठियाही गाँव में लगभग एक सप्ताह पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक चौराहे पर इस्लाम नगर का बोर्ड लगाया। यह बोर्ड हरे रंग में रंगा गया था, जिसमें अरबी और उर्दू भाषा में कई शब्द लिखे गए थे। बोर्ड के ऊपर इस्लामी इबादतगाहों की तस्वीरें भी थीं। मुस्लिम समुदाय ने इस जगह को इस्लाम नगर कह कर बुलाना शुरू कर दिया था।
हिन्दू समुदाय का विरोध :
हिंदू समुदाय को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने 23 जून 2024 को इस बोर्ड को उखाड़ फेंका। उनका कहना था कि मुस्लिम समुदाय ने गाँव का नाम बदलने की साजिश रची थी, जबकि मुस्लिमों का कहना था कि उन्होंने सिर्फ एक चौराहे का नाम बदला था। इसके बाद हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के बीच झड़प हुई, जिसमें हिंदू युवकों पर हमला किया गया।
प्रशासन की भूमिका :
इस घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुँची, लेकिन उन्होंने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हिंदू समुदाय ने आरोप लगाया कि पुलिस मुस्लिम समुदाय को सुरक्षा दे रही है, जबकि हमला करने वाले मुस्लिमों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने इस घटना को आपसी विवाद बताकर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की, जिससे हिंदू समुदाय में नाराजगी बढ़ गई।
हिन्दू संगठनों की प्रतिक्रिया :
नेपाल के संगठन ‘हिन्दू सम्राट सेना’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश यादव ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि प्रशासन मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपना रहा है। उन्होंने बताया कि मुस्लिमों ने गाँव का नाम बदलने की साजिश रची थी और हिन्दू युवकों पर हमला भी किया। राजेश यादव ने 27 जून को शासन को ज्ञापन सौंपने की घोषणा की, जिसमें मुस्लिमों पर कार्रवाई की माँग की जाएगी।
साम्प्रदायिक तनाव की जड़ें :
रौतहट जिले में साम्प्रदायिक तनाव की जड़ें गहरी हैं। राजेश यादव ने बताया कि 3 महीने पहले जयनगर क्षेत्र में भी मुस्लिम समुदाय ने कदम चौक का नाम बदलकर मदरसा चौक रख दिया था। यह घटना भी गरुडा नगर पालिका में ही हुई थी, जहाँ वार्ड अध्यक्ष शेख वहाब मुस्लिम हैं। इससे साफ होता है कि रौतहट जिले में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ता जा रहा है।
समाधान की आवश्यकता :
इस प्रकार की घटनाओं से समाज में अशांति फैलती है और साम्प्रदायिक सौहार्द्र को ठेस पहुँचती है। प्रशासन को चाहिए कि वह निष्पक्षता से काम करे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। इसके साथ ही, दोनों समुदायों के बीच संवाद बढ़ाने और उन्हें आपस में मिलजुलकर रहने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष :
रौतहट जिले की घटना प्रशासनिक लापरवाही और सांप्रदायिक तनाव का स्पष्ट उदाहरण है। इस मामले को संजीदगी से लेना होगा और उचित कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। समाज में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने के लिए सभी समुदायों को मिलजुलकर रहने और एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करने की जरूरत है।