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अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ करेंगे फैसला

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सात दिनों की जमानत की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट की अवकाश बेंच ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार :
मंगलवार, 28 मई 2024 को सुप्रीम कोर्ट की अवकाश बेंच, जिसमें जस्टिस जेके माहेश्वरी और केवी विश्वनाथन शामिल थे, ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से मना कर दिया।

वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें :
अरविंद केजरीवाल के वकील, अभिषेक मनु सिंघवी ने बेंच के सामने अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका की तत्काल सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह जमानत की शर्तों का उल्लंघन नहीं है बल्कि एक छोटी सी माँग है। हालांकि, बेंच ने मामले को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सामने रखने का आदेश दिया, ताकि वे यह निर्णय ले सकें कि याचिका को सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाए या नहीं।

अंतरिम जमानत बढ़ाने का कारण :
अरविंद केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें 1 जून, 2024 को खत्म हो रही चुनाव प्रचार के लिए दी गई जमानत को 8 जून, 2024 तक बढ़ाने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि उन्हें इस एक सप्ताह के दौरान कुछ गंभीर मेडिकल चेकअप कराने हैं, जिसमें पूरे शरीर का PET स्कैन शामिल है।

AAP का बयान :
आम आदमी पार्टी ने बताया कि डॉक्टरों ने अरविंद केजरीवाल को गंभीर मेडिकल चेकअप करवाने की सलाह दी है, इसी कारण से उन्होंने एक सप्ताह की अतिरिक्त जमानत की मांग की है।

पिछली जमानत और गिरफ्तार का कारण :
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई, 2024 को अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी थी। उन्हें 2 जून को कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करना था।

गिरफ्तारी का कारण :
अरविंद केजरीवाल को मार्च, 2024 में दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था।

जेल में स्वास्थ्य के मुद्दे :
अरविंद केजरीवाल ने पहले भी जेल में अपने स्वास्थ्य को लेकर कई दावे किए थे। आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि तिहाड़ जेल में ले जाए जाने के बाद केजरीवाल का वजन 4.5 किलोग्राम कम हो गया था।

तिहाड़ प्रशासन का बयान :
हालांकि, तिहाड़ प्रशासन ने इस दावे को नकारते हुए बताया था कि केजरीवाल का वजन जेल में प्रवेश करने के समय और जेल में रहने के दौरान समान रहा था।

प्रवर्तन निदेशालय का आरोप :
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट को बताया था कि केजरीवाल जानबूझकर अपना स्वास्थ्य बिगाड़ने के लिए आम और मिठाई खा रहे थे, ताकि उन्हें स्वास्थ्य आधार पर जमानत मिल सके।

अंतिम फैसला CJI चंद्रचूड़ के हाथों में :
अब, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि CJI डीवाई चंद्रचूड़ इस मामले पर क्या निर्णय लेते हैं और क्या अरविंद केजरीवाल को सात दिनों की अतिरिक्त जमानत मिल पाती है या नहीं।