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केरल: दो साल बाद रेप और यातना के मामले में तीन आरोपित गिरफ्तार

कोझिकोड, केरल: दो साल पुरानी रेप और यातना की घटना के आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता की मानसिक स्थिति खराब होने के कारण पुलिस को इन आरोपितों की पहचान करने में काफी समय लग गया।

घटना की पृष्ठभूमि :
ऑनमनोरमा की रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद शफी, मोहम्मद शबील और मोहम्मद फैसल ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक महिला से संपर्क बढ़ाया, जो घरों में काम करती थी। धीरे-धीरे यह तीनों उसके घर आने लगे और उसके साथ बार-बार रेप और हिंसा करने लगे। उन्होंने महिला के बच्चे को भी यातनाएँ दीं, यहाँ तक कि उस पर गरम पानी डालने की भी कोशिश की।

पुलिस में शिकायत और महिला की मानसिक स्थिति :
महिला ने जून 2022 में पुलिस के पास रेप की शिकायत दर्ज करवाई और तीनों आरोपितों के नाम भी बताए। लेकिन इसके तुरंत बाद ही महिला की मानसिक स्थिति बिगड़ गई और वह अवसादग्रस्त हो गई। इस स्थिति में उसे एक देखभाल गृह में भेजा गया और उसके बच्चे को बाल संरक्षा गृह में रखा गया। महिला की अस्थिर मानसिक स्थिति के कारण पुलिस को उससे और जानकारी नहीं मिल सकी और जाँच रुक गई।

महिला की स्थिति में सुधार और पुनः जाँच :
जून 2023 में महिला को मानसिक रूप से स्वस्थ घोषित किया गया। इसके बाद वह काम करने और अपने बच्चे की देखभाल करने में सक्षम हो गई। दिसम्बर 2023 में पुलिस ने महिला से पुनः संपर्क किया। महिला ने तीनों आरोपितों के नाम स्पष्ट रूप से बताए और अपनी डायरी पुलिस को सौंपी जिसमें कई नंबर लिखे हुए थे।

आरोपितों की गिरफ्तारी :
पुलिस को डायरी में लिखे एक नंबर से सुराग मिला, जिससे एक आरोपित की लोकेशन का पता चला और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस आरोपित से पूछताछ के आधार पर बाकी दो आरोपित भी पकड़े गए। पुलिस ने बताया कि घटना के बाद इन लोगों ने अपने नंबर बदल लिए थे। पुलिस ने इनके फोटो लेकर पीड़िता को दिखाए, और उसने तुरंत उनकी पहचान कर ली।

आगे की कार्रवाई :
अब पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है। तीनों आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और उन्हें न्यायालय में पेश किया जाएगा। पीड़िता और उसके बच्चे की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी उचित कदम उठाए जा रहे हैं।

निस्कर्ष :
यह मामला एक बार फिर से यह साबित करता है कि न्याय पाने के लिए पीड़ितों को कितना संघर्ष करना पड़ता है और कानून व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। पुलिस और प्रशासन को और भी संवेदनशील और प्रभावी बनने की जरूरत है ताकि ऐसे मामलों में त्वरित और उचित कार्रवाई हो सके।