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केजरीवाल का नाटक: झांसी की रानी, भगत सिंह और हत्या की साजिश

केजरीवाल का नवीनतम बयान, अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में एक और विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल की तुलना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से की है। उनका कहना है कि जब वह जेल में थे, तो उनकी गैरमौजूदगी में सुनीता ने सभी जिम्मेदारियां संभालीं। केजरीवाल का यह बयान कई लोगों के लिए हास्यास्पद और अतिरंजित प्रतीत हुआ है।

भगत सिंह और सिसोदिया की तुलना :
केजरीवाल पहले भी खुद की और अपने साथियों की तुलना स्वतंत्रता सेनानियों से कर चुके हैं। उन्होंने कभी खुद को भगत सिंह कहा, तो कभी अपने करीबी सहयोगी मनीष सिसोदिया को। यह तुलना भी लोगों को हजम नहीं हुई, क्योंकि आजादी के संग्राम के वीर कभी भी भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं थे।

भ्रष्टाचार के आरोप और अदालत के फैसले :
केजरीवाल और उनके सहयोगियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने उनके आचरण को लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ बताया। अदालत ने कहा कि सिसोदिया ने सबूत नष्ट किए और कुछ सबूत पेश करने में विफल रहे। वहीं, केजरीवाल लगातार CBI और ED पर आरोप लगाते रहते हैं, जबकि अदालतें उनके और उनके सहयोगियों को आरोपी मानकर चल रही हैं।

केजरीवाल के नाटक :
केजरीवाल का नाटक कोई नया नहीं है। कभी उन पर स्याही फेंकी जाती है, कभी थप्पड़ मारे जाते हैं, तो कभी जूते फेंके जाते हैं। इन घटनाओं के पीछे अक्सर उनके अपने ही कार्यकर्ताओं का हाथ होता है। अब दिल्ली मेट्रो में लिखे गए संदेशों को लेकर भी यही अनुमान लगाया जा रहा है कि यह भी उनके ही लोगों की शरारत हो सकती है।

हत्या की साजिश का आरोप :
केजरीवाल और उनकी पार्टी ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। हालांकि, दिल्ली मेट्रो में लिखे गए संदेशों में ऐसा कुछ भी स्पष्ट नहीं था। यह संदेश सिर्फ केजरीवाल के नेतृत्व और उनकी नीतियों पर सवाल उठाते हैं।

केजरीवाल का पुराना ड्रामा :
यह पहली बार नहीं है जब केजरीवाल ने हत्या की साजिश का आरोप लगाया हो। 2016 और 2019 में भी उन्होंने मोदी पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। अब 2024 में एक बार फिर वही कहानी दोहरा रहे हैं।

निष्कर्ष :
अरविंद केजरीवाल का नाटक और विवादास्पद बयानबाजी उनके राजनीतिक करियर का हिस्सा बन चुके हैं। उनकी तुलना स्वतंत्रता सेनानियों और ऐतिहासिक वीरांगनाओं से करना उनकी छवि को मजबूत करने का प्रयास है, लेकिन इससे जनता का विश्वास जीतना मुश्किल हो रहा है। भ्रष्टाचार के आरोप और अदालत के फैसले उनके खिलाफ जाते हैं, और उनके नाटकीय बयानों से उनकी सच्चाई पर सवाल खड़े होते हैं।

इस प्रकार, केजरीवाल का यह नवीनतम बयान और हत्या की साजिश के आरोप एक बार फिर उन्हें सुर्ख़ियों में बनाए रख सकते हैं, लेकिन इससे उनकी विश्वसनीयता पर और भी सवाल खड़े होते हैं।