Default Image

Months format

View all

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

404

Sorry, the page you were looking for in this blog does not exist. Back Home

Ads Area

राम सेतु और सेतुसमुद्रम परियोजना क्या है सरकार की योजना?

भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाली सेतुसमुद्रम परियोजना में 44.9 नॉटिकल मील (83 किमी) लम्बा एक गहरा जल मार्ग खोदा जाएगा जिसके द्वारा पाक जलडमरुमध्य को मनार की खाड़ी से जोड़ दिया जाएगा।

सुब्रमण्यम स्वामी वह याचिका रद्द हो सकती है :
केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वह भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच नौवहन को सुगम बनाने के लिए शुरू की गई सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए रामसेतु को कोई नुकसान नहीं पहुंचागी। सरकार ने आज शुक्रवार को यह हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दायर किया। सरकार के इस कदम से बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी वह याचिका रद्द हो सकती है, जो उन्होंने सेतुसमुद्रम परियोजना के खिलाफ दायर की थी। रामसेतु की लंबाई करीब 48 किमी है और इस कारण जहाजों को लम्बा रास्ता तय करना पड़ता है।

सरकार ने दिया हलफनामा:
मंत्रालय द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया कि भारत सरकार राष्ट्र के हित में रामसेतु को बिना प्रभावित किए/ नुकसान पहुंचाए सेतुसमुद्रम शिप चैनल प्रोजेक्ट के पहले तय किए एलाइंमेंट के विकल्प खोजने को इच्छुक है। केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय की ओर से प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ को सूचित किया गया कि उसने पूर्व की सेतुसमुद्रम समुद्री मार्ग परियोजना का विकल्प तलाशने का फैसला किया है।

याचिका खारिज की जा सकती है :
केंद्र का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि केंद्र ने पहले दिए निर्देशों का अनुसरण करते हुए जवाब दाखिल की है और अब याचिका खारिज की जा सकती है। राज्यसभा सांसदा स्वामी ने शीप चैनल प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिका दायर करते हुए केंद्र को पौराणिक रामसेतु को हाथ न लगाने का निर्देश देने की अपील की थी।

सेतुसमुद्रम परियोजना में 44.9 नॉटिकल मील :
भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाली सेतुसमुद्रम परियोजना में 44.9 नॉटिकल मील (83 किमी) लम्बा एक गहरा जल मार्ग खोदा जाएगा जिसके द्वारा पाक जलडमरुमध्य को मनार की खाड़ी से जोड़ दिया जाएगा। इस परियोजना को अमल में लाने के लिए रामसेतु को तोड़ने की योजना थी। लेकिन हिंदू संगठनों ने रामसेतु को तोड़ने का विरोध किया था। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सेतुसमुद्रम परियोजना को 2005 में लाया गया था।

जहाजों को घूमकर जाना पड़ता है :
श्रीलंका और भारत के बीच जहाजों को आने जाने के लिए कई अतिरिक्त चक्कर काटना पड़ता है। क्योंकि दोनों देशों को सीधा जोड़ने के रास्ते में रामसेतु है और रामसेतु के कारण समुद्र की गहराई कम है, इसलिए जहाजों को घूमकर जाना पड़ता है। रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच चूने की उथली चट्टानों हैं। इसे रामसेतु या एडम्स ब्रिज या आदम पुल भी कहते हैं। इस पुल की लंबाई करीब 48 किमी है।