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मामन खान को जमानत, लेकिन मोनू मानेसर अभी जेल में क्यों?

अगर आपको याद हो तो जुलाई 2023 के अंत में हरियाणा के नूहं में हुई हिन्दू विरोधी हिंसा में फिरोजपुर झिरका से विधायक मामन खान का नाम मेवात के नल्हड़ मंदिर पर हुए हमले और उसके बाद भड़की हिंसा में सामने आया था। अब खबर सामने आ रही कि, मामन खान को इस मामले में अंतरिम जमानत मिल गई है। बीते दिन मंगलवार को नूहं की अदालत ने मामन खान को दो मामलों में अंतरिम जमानत दी, अब इन मामलों की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी तब तक मामन खान को कोर्ट की तरफ से अंतरिम राहत दी गई है। मामन खान की रिहाई का हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है।


हिंसा के आरोपी मामन खान के साथ नरमी क्यों :
अंतरिम जमानत के बाद मामन खान अपने समर्थकों के साथ कॉन्ग्रेस नेता आफताब अहमद के आवास पर पहुँचा। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, एडिशन डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशन जज अजय शर्मा ने मामन खान को अंतरिम जमानत दी है। वहीं अब नूहं हिंसा में मामन खान की रिहाई के बाद ये सवाल भी उठ रहा है कि इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद मामन खान के साथ नरमी क्यों बरती जा रही है? मामन खान को 15 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था ।

हिंदुओं के शोभायात्रा पर हुई थी पत्थरबाजी :
आपको याद होगा कि कैसे मेवात में हिंदुओं द्वारा निकाली जा रही शोभायात्रा पर जिहादियों ने पत्थर बाजी की थी। इस पत्थरबाजी में कुछ लोगों की जान भी गई थी, वही सैकड़ो की संख्या में बूढ़े, बच्चे एवं महिलाएं घायल भी हुए थे। पत्थरबाजी से वारदात शुरू हुई और बाद में भीड़ अस्पताल तक में घुस गई। सोहना, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पलवल तक में ये हिंसा फ़ैल गई थी। इसी हिंसक मामले में मामन खान का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आया था जिसने इस हमले की साजिश रची थी जिसे अब अंतरिम जमानत मिल गई है।

डीएसपी की दलील की बाद भी जमानत क्यों:
मंगलवार को जमानत याचिका पर बहस के दौरान डीएसपी सतीश वत्स कोर्ट में पेश हुए और जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय शर्मा की अदालत में दलील दी कि आरोपी विधायक मामन खान को जमानत नहीं दी जाए।क्योंकि आरोपी के मोबाइल तथा लैपटॉप की साइबर सेल की रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर आनी है, जिससे यह सिद्ध हो जाएगा कि विधायक ने हिंसा में शामिल आरोपियों को उकसाया था और लगातार वह उनके संपर्क में था। दलील सुनने के बाद भी मामन खान को कोर्ट ने जमानत दे दी।

मोनू मानेसर अब भी जेल में :
अगर आपको याद हो तो राजस्थान में नासिर-जुनैद हत्याकांड में मोनू मानेसर (मोनू यादव) का नाम आया था, जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर के राजस्थान पुलिस को सौंप दिया था। अब सवाल उठता है कि जब मामन खान को रिहाई मिल सकती है तो मोनू मानेसर को क्यों नहीं। इसी कड़ी में मामन खान की रिहाई के बाद गौ रक्षक मोनू मानेसर के गांव मानेसर में हिंदुओं की पंचायत बैठी। आपको बता दे की ये बैठक गांव के स्थानीय भीष्म मंदिर में हुई। इस बैठक का सवाल था कि, जब कॉन्ग्रेस विधायक मामन खान को जमानत मिल सकती है तो फिर मोनू मानेसर को क्यों नहीं?