पाकिस्तान में एक शहर है जिसका नाम है ग्वादर, यह शहर पाकिस्तान के लिए आर्थिक और रणनीतिक दोनों ही दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। बीते कुछ समय से इस शहर में लगातार सरकार की रणनीतियों के खिलाफ विरोध आंदोलन चल रहे हैं। आपको बता दें कि यहां के स्थानीय बलूच लोग अपने अधिकारों के लिए लगातार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, जिसमें चीन के बढ़ते हस्तक्षेप को लेकर के भी इनका सरकार के खिलाफ विरोध है। ऐसे में पाकिस्तान की लोकल मीडिया इस खबर को बाहर आने नहीं दे रही है साथ ही सरकार ने भी हर तरह के सोशल प्लेटफॉर्म से शहर में बंद कर रखे हैं जिससे यह आंदोलन बाहर लिक न हो सके।
5 .127 लाख करोड़ का निवेश :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्वादर शहर बलूचिस्तान प्रांत का बंदरगाह वाला शहर है जहां चीन बहुत बड़ी मात्रा में अपने पैसों का निवेश कर रहा है। चीन यह निवेश अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना जिसका नाम चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा यानी सीपीइसी है.... जिसमें चीन अपने 62 अरब डॉलर जो भारतीय मुद्रा में तकरीबन 5 .127 लाख करोड़ का निवेश किया है। इसी परियोजना के लिए ग्वादर बंदरगाह पाकिस्तान और चीन के लिए काफी महत्वपूर्ण मायने रखता है।
बलूच लोगों दोयम दर्जे का निवासी :
जैसा की आप सबको पता है पाकिस्तान में पहले ही बलूच लोगों को दोयम दर्जे का निवासी माना जाता है। जहां एक तरफ अपने ही देश में बलूच लोगों को अपने अधिकार नहीं मिल रहा है.... वही उनकी खुद की जमीन पर पाकिस्तान बलूच लोगों को आर्थिक सुविधा मुहैया न करवाकर चीन को उनकी जमीन निवेश के लिए दे रहा है। इस प्रोजेक्ट के दायरे में आने वाले सैकड़ों गावों को नेस्तनाबूद किया जा रहा है। जो लोग इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं उस पर पाकिस्तानी सरकार बर्बरता की हर वह सीमा पार कर रही है जो इंसानियत के खिलाफ हो। मीडिया रिपोर्ट की माने तो जो भी लोग सीपीईसी प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं, उनको या तो गायब करवा दिया जा रहा है या उनकी हत्या करवा दी जा रही है।
आंदोलन की अगुवाई हिदायतुर रहमान कर रहे हैं :
इस आंदोलन की अगुवाई हिदायतुर रहमान कर रहे हैं। पाकिस्तान की बर्बरता को देखकर आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ हथियार भी उठा लिए हैं। आंदोलन इतना उग्र हो गया है की अब चीनियों पर भी हमले हो रहे हैं। बलूच लोग आंदोलन में चीनियों को अपना शहर छोड़ने की धमकी दे रहे हैं... साथ ही चीन द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों में तोड़फोड़ भी कर रहे हैं। आंदोलनकारियों की सरकार से यह मांग है कि बलूचिस्तान में चीनी सरकार कम से कम हस्तक्षेप करें।
बलूच लोगो के पास आंदोलन मजबूत करने का मौका :
जो भी हो पाकिस्तान अपनी खुद की आर्थिक दृष्टिकोण से जूझ रहा है, जिसका मुख्य कारण चीन है। पाकिस्तान ने अपना पूरा कंट्रोल चीन के हाथ में दे रखा है जिसके कारण पाकिस्तान अब एक बड़े कर्जे में डूब चुका है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है की पाकिस्तान के आम नागरिक दाने दाने के लिए तरस रहे हैं। आम जिंदगी में खानपान की वस्तुओं की कीमतें पाकिस्तान में आसमान छू रही है। शायद इन कारणों का फायदा उठाकर बलूच लोग अपने आंदोलन को मजबूत करें और पाकिस्तान के जुल्मों से खुद को आजाद कर एक आजाद मुल्क घोषित करें।