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हज यात्रा से जुड़े नियमो में केंद्र सरकार ने किये बदलाव, जाने क्या बदला गया ?

जैसा कि हम सब जानते हैं भारत  दूसरा ऐसा देश है जहां मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी रहती है, जिनको केंद्र सरकार की तरफ से हर तरह की मूलभूत सुविधाएं दी जाती है। इन्ही सुविधाओं में सरकार हज यात्रा के लिए भी मुस्लिमों को सुविधा देती है, अब इन्ही सुविधाओं में सरकार ने नियमों का बदलाव किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय ने हज यात्रा से जुड़ी नई पॉलिसी का ऐलान किया है। 


हर यात्री के पैकेज में कड़ीब  ₹50000 की कमी आएगी :
हज जाने के लिए भाड़ा जाने वाला फॉर्म मुस्लिमों के लिए निशुल्क उपलब्ध होगा और नई पॉलिसी में हर यात्री के पैकेज में कड़ीब  ₹50000 की कमी आएगी। जैसा कि आप जानते हैं एक हज यात्री आमतौर पर 3 से साढ़े तीन लाख का भुगतान करता है।  यह रकम यात्री किस राज्य से है इस पर भी निर्भर करती है। आपको बता दें कि यह नई पॉलिसी आने से पहले हज जाने के लिए जो फॉर्म मिलता था उसकी शुल्क ₹300 होती थी जो अब निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि फॉर्म भरना इस बात की गारंटी नहीं होगी कि हज यात्रा के लिए आपका चुनाव हो ही जाएगा। 

हज कमेटी ऑफ इंडिया के सीईओ याकूब शेख ने क्या कहा :
इस मामले पर हज कमेटी ऑफ इंडिया के सीईओ याकूब शेख ने कहा है कि, "हज यात्रा के खर्चे में ₹50000 की कटौती मुख्य तौर पर करेंसी को लेकर बदले नियमों की वजह से संभव हो पाई है। पहले हज यात्रा पर जाने से पहले यात्रियों को 2100 रियाल के बराबर रकम यानी लगभग ₹44000 जमा कराने होते थे। ये रकम हज कमेटी के पास जमा की जाती थी। अब यह तरीका बदल दिया गया है, अब यात्रियों को जो भी रकम जरूरी लगे वह रकम यात्रिक खुद लेकर जाया करेंगे।''