भारत और भारत की सनातन संस्कृति में धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आधार पर गाय का एक विशेष स्थान रहा है। शायद यही कारण है की एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने आने वाली 14 फरवरी को भारतीय नागरिकों से काऊ हग डे मनाने की अपील की है। इस मामले पर एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया का कहना है कि लोगों को अपने संस्कृति के प्रति जागरूक करने और भावनात्मक समृद्धि और खुशी के लिए यह फैसला लिया गया है।
भारतीय संस्कृति को दिखाया ठेंगा :
बीबीसी जोकि भारत विरोधी एजेंडा चलाने के लिए जाना जाता है, उसको यह बात रास नहीं आ रही। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीबीसी ने गाय पर एक कार्टून शेयर किया है..... जिसमें एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया का तो मजाक उड़ाया ही गया है साथ ही भारतीय संस्कृति और उसकी परंपराओं को भी बीबीसी ने ठेंगा दिखाया है। बीबीसी ने जो कार्टून शेयर किया है उसमें काउ गोबर डे, काउ गोमूत्र डे, काउ मिल्क डे, काउ घास डे वगैरा-वगैरा की बात कही गई है।
आज का कार्टून. pic.twitter.com/2yPe6TRFtu
— BBC News Hindi (@BBCHindi) February 9, 2023
अमेरिका तीन पेटेंट करवा चुका है :
बीबीसी ने गाय का मजाक उड़ाया है लेकिन शायद बीबीसी के जाहिल पत्रकारों को यह नहीं पता गोमूत्र का इस्तेमाल दवा बनाने के लिए और गोबर का इस्तेमाल आज भी घर आंगन की लिपाई पुताई के लिए किया जाता है। सांस्कृतिक आधार पर प्राचीन समय से ही गोमूत्र को पंचगव्य का हिस्सा माना जाता रहा है, जिसके इस्तेमाल से शक्तिवर्धक औषधियां भी बनाई जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोमूत्र का अमेरिका तीन पेटेंट करवा चुका है। इतना ही नहीं छोटे बच्चों के लिए गाय का दूध मां के दूध के समान बताया गया है।
बीबीसी की पत्रकारिता का आधार हिन्दू विरोधी एजेंडा :
बीबीसी को गाय के यह फायदे नहीं दिखेंगे क्योंकि वह गायक को सिर्फ और सिर्फ भोजन के रूप में देखते हैं। बीबीसी हिंदू विरोधी पत्रकारिता में इतनी चूर हो चुकी है कि भारत की एक बड़ी आबादी के धार्मिक सद्भाव का भी ख्याल न रखते हुए लंबे समय से हिंदुओं के संस्कृति का मजाक उड़ाती आई है। अभी बीते कुछ दिनों पहले ही बीबीसी ने भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी पर एक प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री में जारी किया था, जिसमें तथ्य कम और झूठ ज्यादा थे। इस डॉक्यूमेंट्री में बीबीसी ने भारत के प्रधानमंत्री की छवि को वैश्विक स्तर पर खराब करने की कोशिश की थी जिसका विरोध ब्रिटेन में भी हुआ था।