आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में पहली बार जम्मू कश्मीर में तकरीबन 5.9 मिलियन टन लिथियम का भंडार मिला है, जिसका उपयोग मोबाइल लैपटॉप समेत अन्य चार्जेबल बैटरी बनाने के लिए किया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण यानि GSI ने लिथियम और गोल्ड समेत अन्य धातुओं के ब्लॉकों की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दिया है।
लिथियम क्या होता ? भारत की निर्भरता कम होगी :
लिथियम का यह बड़ा भंडार जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में मिला है। भारत की अगर बात करें तो लिथियम का यह भंडार पहला साइट है जिसकी पहचान भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण यानी जीएसआई ने रियासी जिले में की है। भारत अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन जैसे उपकरणों की बैटरी में इस्तेमाल होने वाले लिथियम को दूसरे देशों से आयात करता है। चुकी, रियासी जिले में लिथियम के भंडार के मिलने से भारत की निर्भरता अब दूसरे देशों पर थोड़ी कम होगी।
अगर आपको पता ना हो कि लिथियम क्या होता है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लिथियम एक अलौह धातु है, जिसका उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्जेबल बैट्री में उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग खिलौनों और घड़ियों के लिए भी किया जाता है।
माइंस सेक्रेटरी 5.9 मिलियन टन लिथियम मिलने पर क्या कहा :
इस मामले पर माइंस सेक्रेटरी विवेक भारद्वाज ने बताया है कि, "देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम के भंडार की खोज की गई है, चाहे मोबाइल फोन हो या सोलर पैनल ..... महत्वपूर्ण खनिजों की हर जगह आवश्यकता होती है आत्मनिर्भर बनने के लिए। देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगना और उन्हें उन्हें संसाधित करना बहुत महत्वपूर्ण है।