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जेएनयू में बिजली गुल.. हुई जमकर पथरबाजी, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद बढ़ा

जैसा कि आप सबको पता है बीबीसी द्वारा प्रोपेगेंडा आधारित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन फिर भी कुछ देश विरोधी तत्व स्क्रीनिंग को लेकर बवाल खड़ा कर रहे हैं। अब इसी बीच खबर आ रही है कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। 


छात्रों द्वारा पत्थरबाजी होने की बात कही जा रही है :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहले 24 जनवरी 2023 की देर शाम बिजली कटने से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं होने की खबर सामने आई थी, जिसके बाद कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए..... जिसमें कुछ छात्र हंगामा करते नजर आए। छात्रों द्वारा पत्थरबाजी होने की बात कही जा रही है। आपको बता दें कि जेएनयू छात्र संघ का आरोप है कि एबीवीपी यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पत्थरबाजी की। 

लेकिन इसके उलट पत्रकार प्रदीप भंडारी ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा है कि, "लाइट कटने के बाद जेएनयू में पत्थरबाजी शुरू हुई थी,  कई जगह हिंसा की भी बात कही जा रही है। आश्चर्य की बात यह है कि एक तरफ वामपंथी डॉक्यूमेंट्री देखकर विक्टिम कार्ड खेलना चाहते हैं और दूसरी तरफ जबरदस्त पत्थरबाजी कर रहे हैं। "

वही इस मामले पर पत्रकार सचिन गुप्ता ने ट्वीट कर कहा है कि, "बिजली गुल होने के बाद मोबाइल लैपटॉप पर अलग-अलग समूह में कुछ छात्र विवादित डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे। इस बीच कुछ पत्थर फेंके गए। डॉक्यूमेंट्री देख रहे वामपंथी छात्रों का आरोप है कि पत्थर बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने फेंके। 

विवादित डॉक्यूमेंट्री पर पोस्टर शेयर शेयर किये गए :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीबीसी की विवादित प्रोपेगेंडा आधारित डॉक्यूमेंट्री "इंडिया -  द मोदी क्वेश्चन" को प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद विपक्ष की राजनीतिक पार्टियों के छात्र संगठन इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करवाने पर तुले है। गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ अध्यक्ष आईसा घोष ने गुजरात दंगों पर विवादित डॉक्यूमेंट्री का पोस्टर शेयर करते हुए छात्रों से स्क्रीनिंग में शामिल होने की अपील की थी। 

जबकि जेएनयू प्रशासन ने अपनी एडवाइजरी जारी करते हुए स्क्रीनिंग न करवाने की अपील की थी। जेएनयू प्रशासन ने अपनी एडवाइजरी में कहा था कि स्क्रीनिंग से विद्यालय में शांति और सद्भाव भंग हो सकती है। लेकिन फिर भी वामपंथी छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी द्वारा बनाई गई थी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की, जिसका नतीजा है की फिर से एक बार जेएनयू छात्रों के बिच विवाद को लेकर सुर्ख़ियों में है।