आपको बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने करंट लगने से 15 वर्षीय बच्चे की मौत के तकरीबन 12 साल बाद उसकी मां को ₹5 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। 2010 में दिल्ली के जवाहर नगर में बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड के प्रोजेक्ट साइट पर बच्चे की करंट लगने से मौत हो गई थी। जांच में यह पाया गया कि यह घटना कंपनी की लापरवाही का नतीजा था।
किसकी गलती लचर कानून व्यवस्था या कानून बनाने वाले नेताओं की :
आश्चर्य होता है कि बच्चे के मौत के 12 साल बाद हमारी अदालत बच्चे की मां को इंसाफ तथा मुआवजा दे पाई। ना जाने यह हमारे संविधान की गलती है या फिर लचर कानून व्यवस्था की, जो इंसाफ देने में दशक लगा देते हैं। बहरहाल जो भी हो शायद अब किशोर की मां ने चैन की सांस ली होगी क्योंकि उसे इंसाफ 12 साल बाद मिला है।