जहां एक तरफ केंद्र सरकार राजनीति में व सरकारी कामों में अफसरशाही खत्म कर रही है तो वही कुछ नेता और सीनियर पुलिस अधिकारी अपने अफसरशाही का गलत फायदा उठा रहे हैं। ऐसा ही कुछ मामला बिहार के अरवल से सामने आया है।
जूनियर ने एसपी साहब को जूता पहनाया :
आपको बता दें कि अरवल में गणतंत्र दिवस के मौके पर समाहरणालय परिसर में एसपी और डीएम साहब तिरंगे को सलामी देने पहुंचे थे। इसी दौरान एसपी और डीएम परिसर में ही स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने पहुंचे, पुष्प अर्पित करने के लिए दोनों अधिकारियों ने अपना जूता खोला और पुष्प अर्पित करने के बाद अधिकारी लौटते वक्त अपना जूता पहनने लगे। एसपी का जूता पैर में अटक रहा था, जूते को पैर में अटकता देख जूनियर ने एसपी साहब को जूता पहनाया, जिसका तस्वीर अब सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।
अब सवाल उठता है कि जूनियर ने अपने सीनियर कि कदमों में बैठकर उनको जूता पहनाया लेकिन फिर भी एसपी साहब ने इस पर कोई एतराज नहीं जताया। आपको बता दें कि सिपाही ने अधिकारी को सिर्फ जूता ही नहीं पहनाया बल्कि उनके जूते का फीता भी बांधा। हद तो तब हो गई जब दोबारा अधिकारी एसपी प्रखंड कार्यालय परिसर गए और वहां भी बापू की प्रतिमा को माल्यार्पण से पहले जूते खोलें और लौटने के बाद सिपाही ने वहां भी अधिकारी को जूते बांधे।
अधिकारी अपनी अफसरशाही की मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे :
इन दोनों जगहों पर एक अधिकारी के रुतबे का गवाह सैकड़ों लोग बने। इस दृश्य को देखकर लोग हैरान थे कि, कैसे अफसरशाही में एक जूनियर ने अपने सीनियर को जूता पहनाना तो छोड़िए उसके फिते भी बांधे। लोगों का कहना है कि यह साफ तौर पर वर्दी का अपमान है। आपको बता दें कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन फिर भी वर्दी वाले पुलिस अधिकारी अपनी अफसरशाही की मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे। हैं।