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2020 के दंगाइयों कट्टरपथिंयों पर आरोप तय, हिन्दुओ की संपत्ति को नुकसान पहुँचाना था मकसद

अगर आपको याद हो तो दिल्ली में फरवरी 2020 के दौरान हिंदू विरोधी दंगे हुए थे, उसी दंगे पर दिल्ली की अदालत ने फैसला सुनाते हुए दो आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। यह दो आरोपी शमीम अहमद और मोहम्मद कफील फैजान है। इन दोनों पर दंगे के दौरान बृजपुरी में स्थित एक स्कूल पर हमला करने और आगजनी के आरोप हैं। कोर्ट के अनुसार यह दोनों आरोपी जानबूझकर हिन्दू संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे। 


पांच से ज्यादा अज्ञात लोगों भीड़ भी इकट्ठा की :
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शमीम अहमद और मोहम्मद कफील फैजान पर कोर्ट ने आरोप तय करते हुए कहा कि, "इन्होंने अपने साथ पांच से ज्यादा अज्ञात लोगों भीड़ भी इकट्ठा की....  जिनका मकसद दंगा भड़काने था। " आरोप में बताया गया है कि शमीम अहमद और मोहम्मद कफील फैजान का अरुण मॉडर्न पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में तोड़फोड़ और आगजनी सिर्फ इसलिए की क्योंकि यह एक हिंदू स्कूल था। इन हमलो का मकसद सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं की संपत्ति को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाना था। आपको बता दें अदालत में तय हुए आरोप में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि हमलावर तमाम तरह के हथियारों से लैस थे जिन्होंने  कंप्यूटर लैब, लाइब्रेरी दस्तावेज, जनरेटर से लेकर कैंपस में खड़े वाहनों तक को जलाया। 

पुलिस के रोल पर क्या कहा कोर्ट ने :
वही कोर्ट ने इस घटना में पुलिस के रोल पर भी बात की, कोर्ट ने माना कि घटना के वक्त पुलिस पूरे दिल्ली में जहां जहां दंगे जैसी स्थिति थी वहां लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने में व्यस्त थी इस वजह से इस घटना पर फौरन पुलिस एक्शन नहीं ले पाई। आपको याद हो तो 25 फरवरी 2020 को शाम 4:00 बजे लगभग 150 से 200 हमलावरों की भीड़ ने बृजपुरी स्थित अरुण मॉडर्न पब्लिक सेकेंडरी स्कूल में जबरन घुसने का प्रयास किया था। जिस दौरान कैंपस में तोड़फोड़ व आगजनी भी की गई थी। 

इस हमले की सूचना थाना दयालपुर को एक फोन  कॉल से दी गई थी। घटना की खबर मिलने के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तब तक स्कूल में सब कुछ तहस-नहस कर दिया गया था और वहां मौजूद वाहनों में भी आग लगा दी गई थी।  अगले दिन यानी 26 फरवरी को स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति रानी ने पुलिस को हमले की शिकायत की थी, प्रिंसिपल ने इस आगजनी में लगभग सवा करोड़ रुपए का नुकसान बताया था।