जैसा की आप सबको पता है पूरे देश में अभी किसान आंदोलन का शोर है और इस किसान आंदोलन को खालिस्तानीयों का पूरा समर्थन मिल रहा है और शायद यही कारण है कि खालिस्तानी समर्थक और खालिस्तानी संगठन फिर से एक बार देश में अराजकता फैलाने की साजिश में लग गए हैं। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में शिमला के साइबर थाने में खालिस्तानी समर्थक एवं सिख फॉर जस्टिस संगठन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया है, जिसमें आईटी एक्ट समेत कई धाराएं भी जोड़ी गई है।
अगर हम मीडिया रिपोर्ट्स की बात करें तो साइबर थाने की पुलिस ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से मीडिया पत्रकारों के अलावा कई और भी नागरिक को को धमकी भरे कॉल आए थे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह संगठन अमेरिका समेत और भी कई देशों में भारत के विरोध में अपनी गतिविधियां चलाता है। वही इस मामले पर डीजीपी संजय कुंडू, "ने बताया है कि इस मामले में हिमाचल प्रदेश पुलिस केंद्रीय एजेंसियों की भी मदद ले रही है"।
गुरपतवंत सिंह पन्नू हिमाचल प्रदेश के सीएम को दी थी धमकी :
आपको बता दें कि 56 सेकंड के एक ऑडियो संदेश में गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को धमकी दी थी कि वह उन्हें 15 अगस्त को तिरंगा नहीं फहराने देगा, साथ ही साथ ऑडियो में यह भी कहा गया था कि पंजाब के बाद खालिस्तानी संगठन हिमाचल प्रदेश पर भी कब्जा करेगा क्योंकि हिमाचल प्रदेश का कुछ हिस्सा पहले पंजाब का हिस्सा हुआ करता था। गौरतलब है कि यह खालिस्तानी संगठन भारत में अपनी देश विरोधी गतिविधियों को चलाने के कारण 10 जुलाई 2019 से प्रतिबंधित है, फिर भी इस संगठन द्वारा पंजाब तथा अन्य कई राज्यों में अपनी देश विरोधी गतिविधियां चला रहा है और इसमें इसकी मदद कर रहे हैं राकेश टिकैत जैसे लोग और कुछ कांग्रेसी नेता।
20 से अधिक पत्रकारों को भी गए थे धमकी भरे कॉल :
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा शुक्रवार 30 जुलाई को सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे के बीच शिमला के 20 से अधिक पत्रकारों को इस संगठन द्वारा धमकी भरे फोन आए थे, जिसमें कहा गया था कि, "इस बार हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगा नहीं फहराने दिया जाएगा"। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह कॉल प्री रिकॉर्डेड कॉल था और धमकी देने वाला शख्स सिख फॉर जस्टिस का सदस्य गुरपतवंत सिंह पन्नू था।