Default Image

Months format

View all

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

404

Sorry, the page you were looking for in this blog does not exist. Back Home

Ads Area

आज से प्रारंभ हो रहा है हिन्दू नववर्ष, जाने वैज्ञानिक कारन और विशेषताएं ?

विशिष्टता से परिपूर्ण है हिंदू नव वर्ष इस बार 13 अप्रैल से हो रही है. शास्त्रों में वर्णन है "चैत्रे मासि जगद ब्रम्हा ससर्ज प्रथमे अहिन, शुक्ल पक्षे समग्रेतु सदा सूर्योदये सति। अर्थात ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना चैत्र मास के प्रथम दिन प्रथम सूर्य उदय होने पर की इस शुक्ल प्रतिपदा को सुदी भी कहा जाता है।


चैत्र मास का वैदिक नाम है मधुमास 
इस उत्कर्ष काल पर ऋतुराज वसंत प्रकृति को अपनी आगोश में ले चुके होते हैं पेड़ों की टहनियां नई पत्तियों के साथ इठला रही होती है, पौधे फूलों से लदे इतरा रहे होते हैं, खेत सरसों के पीले फूलों की चादर से ढके होते हैं, कोयल की कूक वातावरण में अमृत घोल रही होती है , मानो दुल्हन सी सजी धरती पर कोयल की मधुर वाणी शहनाई सा रस घोलकर नवरात्रि में माँ के धरती पर आगमन की प्रतीक्षा कर रही हो ।

इस दिवस पर आरंभ होता है नवरात्रों का महापर्व
पंचांग के अनुसार चैत्र मास को हिंदू नव वर्ष का प्रथम मास माना जाता है प्रतिवर्ष चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि आरंभ होती है। इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल 2021 दिन मंगलवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि के 9 दिन मां आदिशक्ति की उपासना करने के लिए बहुत खास माने जाते हैं। नवरात्रि 9 दिनों तक मां के नौ स्वरूपों शैलपुत्री माता,ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा के स्वरूपों की पूजा अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उनके जीवन में खुशहाली आती है। इस बार नवरात्रि के प्रथम दिन ग्रहों की स्थिति के कारण विशेष योग बन रहा है।


महाराजा विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत का शुभारंभ आज से
विक्रमादित्य ने अपने पराक्रम से परकीय शक राजाओं को परास्त कर अवंतिका राज्य को मुक्त कराया। शकों को परास्त करने के कारण ही उन्हें शकारि विक्रमादित्य कहा जाता है। शको पर विजय की स्मृति के रूप में आज के शुभ दिन से विक्रम संवत प्रारंभ हुआ।

स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना 
आर्य समाज के संस्थापक वैदिक धर्म एवं विचार के प्रचारक आधुनिक काल में हिंदू समाज के उद्धारक तथा महान समाज सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों के सिद्ध ज्ञान का प्रचार करने में लग गए परंपरागत सनातन धर्म के सुधार में स्वामी दयानंद का बहुत योगदान रहा। आज ही के दिन उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की।


प्रभु रामचंद्र जी का राज्य अभिषेक दिवस
विष्णु के सातवें अवतार के रूप में आराध्य श्री राम का जीवन चरित्र भारतीय संस्कृति के श्रेष्ठ जीवन मूल्यों के प्रतीक है। मर्यादा पालन का सर्वोच्च आदर्श प्रस्तुत करने के कारण उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में स्मरण किया जाता है। उन्होंने रावण की अनीतिपूर्ण राजसत्ता समाप्त कर रामराज्य के रूप में आदर्श व्यवस्था स्थापित की । श्रीराम का दिव्य चरित्र, सत्य शील और सौंदर्य से मण्डित है। 

देव भगवान झूलेलाल जी का जन्मदिवस
सिंध प्रांत के पूज्य पुरुष मुसलमान नवाब ने सारी प्रजा का  सामूहिक धर्मांतरण कराना चाहा पर श्री झूलेलाल ने अपने कर्तव्य से उसकी इस दुष्ट योजना को विफल कर दिया। इन्हें वरुण देव का अवतार माना जाता है। इनका जन्म आज के शुभ घड़ी में ही हुआ था।


महाराज युधिष्ठिर का राजतिलक
पांच पांडवों में सबसे बड़े और धर्मराज के नाम से विख्यात युधिष्ठिर जिन्होंने महाभारत युद्ध को टालने का यथासंभव प्रयास किया। कौरवों के अन्याय का बदला अन्यायी मार्ग से लेने के विरुद्ध थे। यही नहीं अपितु कौरवों के शत्रुतापूर्ण छलों से बारंबार पीड़ित होते रहने के उपरांत भी उनके वनवास के समय जब चित्रसेन गंधर्व ने दुर्योधन को बंदी बनाया तो धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाइयों से कहा आपस के संघर्ष में हम पांच और कौरवों 100 हैं परंतु अन्य लोगों से संघर्ष में हम 105 रहेंगे। युधिष्ठिर के नाम से भारत में एक संवत भी प्रचलित है।

आपकी प्रतिक्रिया

खबर शेयर करें

Post a Comment

Please Allow The Comment System.*