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जेएनयू का एक छात्र खुद को बताता था पीएमओ का सलाहकार, जालसाजी में पुलिस ने किया गिरफ्तार

आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के एक छात्र अनिकेत दे को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अनिकेत डे पर सिर्फ खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का सलाहकार बताने का आरोप नहीं बल्कि इसने इस तरह के कई फर्जीवाड़े को अंजाम देकर लाखों रुपए की हेराफेरी करने का इल्ज़ाम है. खबर के अनुसार आरोपी छात्र जेएनयू का m.a. का छात्र है, जो पहले भी धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है. किंतु इस बार वो एक्सपोर्ट के नाम पर जालसाजी और धोखाधड़ी कर रहा था.



 
फेस मास्क के नाम पर ऐठे थे लाखो रुपए :-
अब तक की मिल रही मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का यह छात्र सऊदी अरब में फेस मास्क की खेप का बिजनेस करने के लिए जाली नोटिफिकेशन जमा करवाया था. साथ ही साथ इसने दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कस्टम क्लीयरेंस के लिए इसने कंपनी से ₹7 लाख का ठग किया था. जब अधिकारियों ने इस को अपनी गिरफ्त में लिया और इससे पूछताछ किया की वह कौन है ? तो उसने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का सलाहकार बताया. किंतु जब अधिकारियों ने जांच की तो अनिकेत डे का पोल खुल गया.

आपको बता दें कि आरोपी छात्र की उम्र मात्र 22 वर्ष है. इस भंडाफोड़ में जब अधिकारियों को इसकी सूचना मिली तो आईजीआई एयरपोर्ट ने इसकी सूचना स्थानीय थाने को दी, जिसके बाद इस छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया है. जांच के बाद अनिकेत डे के पास से प्रधानमंत्री कार्यालय की नकली आईडी और विजिटिंग कार्ड भी बरामद की गई है. अनिकेत डे के पकड़े जाने के बाद पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है कि इससे पहले अनिकेत डे ने इस तरह से एयरपोर्ट के नाम पर कितने रुपयों का कितने लोगों को चुना लगाया है. जानकारी में यह भी पता चला है कि एक कारोबारी को उसने 2.23 करोड़ रुपए का फेस मास्क सऊदी अरब भिजवाने का झूठा झांसा दिया था.



डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड की अनुमति वाला झूठा लेटर भी बनवाया था :-
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजधानी दिल्ली में स्थित पूर्वी दिल्ली के अनुज जैन नामक बिजनेसमैन का कपड़ों का एक फैक्ट्री है जो कि लॉकडाउन में काम बंद होने के बाद फेस मास्क की सप्लाई शुरू की थी. तभी इस कारोबारी की मुलाकात जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र अनिकेत डे से हुई, जिसने उन्हें फेस मास की सप्लाई सऊदी अरब भिजवाने का झूठा झांसा दिया और इसके लिए अनिकेत डे ने अनुज जैन से ₹5 लाख का एडवांस भी ले लिया था. साथ ही साथ अनिकेत डे ने अनुज जैन को कंफर्म करने के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड की अनुमति वाला झूठा लेटर भी बनवा लिया था.

अनिकेत डे के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड का वह फर्जी कागज अनिकेत डे के पास से हासिल किया है. आपको बता दें कि इस मामले में 11 सितंबर 2020 को एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. अनुज जैन ने ठगी का यह मामला गाजीपुर थाने में दर्ज करवाया था. अनिकेत को असम से गिरफ्तार किया गया है. अनिकेत ने अनुज जैन से जब कारोबार की बात की थी तो उसने अनुज जैन से कार भी ले रखी थी. आपको बता दें कि अनिकेत डे ने नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है और इसने ‘दी थ्री टेल्स’  नामक पुस्तक भी लिख रखी है. यह कस्टम अधिकारियों को धमकाया भी था और साइबर एक्सपोर्ट भी है.




सोशल मीडिया पर भी  को प्रधानमंत्री कार्यालय का यूथ सलाहकार बताकर धौस जमाता था :-
अनिकेत डे का फर्जी कारोबार सिर्फ जमीनी स्तर तक ही सीमित नहीं था, बल्कि यह सोशल मीडिया पर भी खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का यूथ सलाहकार बताकर धौस जमाता था. हैरानी की बात तो यह है सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लग पाई थी. अनिकेत डे लॉकडाउन में अपना वीआईपी पास भी बनवा रखा था, जिससे वह अलग-अलग राज्यों में बिना किसी रूकावट के सफर कर सके. 1 महीने पहले ही अनिकेत डे ने फर्जी दस्तावेजों के मदद के आधार पर बेंगलुरु के एक होटल में कमरा बुक कराया था, जहां झगड़ा होने के बाद अनिकेत डे को गिरफ्तार भी किया गया था. लेकिन कुछ दिन बाद इसे रिहा कर दिया गया था.

चुकी अब इतने बड़े फर्जीवाड़े में जवाहरलाल यूनिवर्सिटी का यह छात्र पकड़ा गया है तो अब इस पर पुलिस तथा प्रशासन कड़ी कार्रवाई कर सकती है.


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