भारतीय सिनेमा में वैसे तो कई नाम हुए, जो अपने काम और नाम दोनों के लिए जाने जाते हैं। लेकिन जब बॉलीवुड आधुनिकता की तरफ बढ़ा नहीं था, उस वक्त एक लड़की ऐसी थी जो खुले ख्यालों में थी और नाम था परवीन बाबी ( Parveen Babbi )। वो वक्त 70 के दशक का था,
महेश भट्ट ने खुद बताया ये किस्सा :-
एक रात के किस्से का जिक्र करते हुए महेश भट्ट ने परवीन को लेकर चौंकाने वाली बात बताई थी। महेश भट्ट ने बताया कि मैं और परवीन बेडरुम में थे। हम दोनों में बातें हो रही थीं। बातें करते-करते अचानक परवीन बाबी ने कहा कि मैं युजी या उनमें से किसी एक को चून लूं। बता दें कि युजी कृष्णमुर्ति एक फिलॉसफर और गुरु थे। जब परवीन की तबीयत खराब होने लगी थी तो युजी उनके काम करने के खिलाफ हो गए थे।परवीना युजी को नापसंद करने लगीं थी। ऐसे में उन्होंने महेश भट्ट से कहा कि दोनों में से किसी एक को चुन लो। महेश भट्ट ने उस वक्त उस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया और बेड से उठकर जाने लगे। बाहर जोर की बारिश हो रही थी। महेश को जाता देख परवीन रोने लगीं। उन्होंने महेश को रुकने के लिए आवाज दी, लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। उस वक्त परवीन बिना कपड़ों के ही महेश के पीछे भागने लगीं।
मौत भी रही परवीन बाबी की अजीबो गरीब:-
परवीन बाबी तीन लोगों के साथ रिश्ते में रहीं। महेश भट्ट, कबीर बेदी और डैनी। महेश भट्ट अपनी पत्नी और बेटी पूजा भट्ट को छोड़कर परवीन बाबी के साथ रहने लगे थे। ये वो दौर था जब परवीन चोटी की स्टार थीं और महेश भट्ट एक फ्लॉप फिल्ममेकर। इसी रिश्ते के साथ परवीन को एक मानसिक बीमारी ने घेर लिया जिसे महेश भट्ट ने अपने कई इंटरव्यू में पैरानायड स्कित्जोफ्रेनिया बताया। यही नहीं परवीन ने अमिताभ बच्चन समेत तमाम बड़ी हस्तियों पर उनकी हत्या का शक जताते हुए केस तर दर्ज करवाया था। लेकिन कहते हैं न कि इंसान आखिरी दिनों में लगभग अकेला पड़ जाता है। ऐसा ही परवीन बाबी के साथ भी हुआ। 56 की उम्र में वो उठ भी नहीं पाती थी और 20 जनवरी 2005 को अकेले घर में परवीन ने दम तोड़ दिया। आलम ये था कि 3 दिनों तक लाश बेड पर ही सड़ती रही। वहीं जब दरवाजे पर रखा ब्रेड-दूध नहीं हटा तो किसी ने पुलिस को खबर दी और तब जाकर दुनिया को पता चला कि परवीन बाबी अब इस दुनिया में नहीं रही।
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