अगर आपको याद हो तो लद्दाख की सीमा को लेकर के कुछ दिन पहले भारतीय सेना और चीनी सेना आमने-सामने आ गई थी। जिसमें तकरीबन 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। तो वही तकरीबन चीन के भी 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे। जिसके बाद इस मामले को ठंडा करने की पूरी कोशिश की गई थी। लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ होता दिख नहीं रहा है, आज की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच चार चेकप्वाइंट पर सेना को पीछे हटाने पर बात चल रही है। जहां एक तरफ दोनों देशों के कमांडर बातचीत से इस मसले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, तो वही लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के दोनों और पिछले बीते 3 दिनों में दोनों देशों की ओर से सेना की मौजूदगी बढ़ाई गई है। लगातार सैनिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तनाव जैसी स्थिति उत्पन्न होती नजर आ रही है।
क्या है पूरी खबर :-
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिन फिंगर 4 को लेकर दोनों देशों की सेनाओं में बात हुई थी किंतु फिंगर 4 को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है,क्योंकि चीनी सेना ने यहां पर अवैध तरीके से अपना कब्जा जमा लिया है और यहां से पीछे हटने के लिए वह नहीं मान रहे हैं,जबकि यह पहले दोनों देशों के लिए पेट्रोलिंग पॉइंट था।
जहां एक तरफ भारतीय सरकार की तरफ से चीन को उसकी अकड़ तथा उसकी औकात दिखाने की पूरी कोशिश की जा रही है, तो वही भारतीय सेना भी फिंगर 4 को लेकर चीनी सेना पर सख्त है और उन्हें पीछे हटाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके अलावा जिन बचे हुए 3 इलाकों को लेकर विवाद चल रहा है उसमें गलवान घाटी का पेट्रोलिंग पॉइंट 14 हैं, जहां पर झड़प हुई थी, इसके साथ साथ पेट्रोल पॉइंट 15 और 17 A भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच विवाद जारी है।
अब सब कुछ अगली बात पर निर्भर:-
10 काउंसिल के मुकाबले अगर इन इलाकों की बात की जाए तो यहां पर हालात कम तनावपूर्ण है लेकिन खतरा यहां भी बना हुआ है और भारतीय सेना भी पूरी तरह से तैयार है चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार यह तय नहीं हो पाया है कि दोनों सेनाएं मौजूदा स्थिति में कैसे पीछे हटेंगे साथ ही दोनों सेना की ओर से हंसने की अपनी अपनी शर्ते रखी जा रही है इस स्थिति में केसर को पूरा करके तनावपूर्ण स्थिति को कम करना काफी मुश्किल है कुछ मौकों पर कभी सैनिकों की संख्या में कमी भी देखी गई है, जो पेट्रोल प्वाइंट 14 इलाके में है.
मौजूदा स्थिति के अनुसार, अब अगली बातचीत पर फोकस है. साथ ही ऐसी उम्मीद दिखती है कि अब पीछे हटने की प्रक्रिया एक तरह से सर्दियों में ही शुरू हो पाएगी, क्योंकि तब दोनों सेनाओं के जवानों के लिए उस स्थिति में वहां पर मौजूद रहना काफी मुश्किल होगा.सर्दी आने से पहले दोनों सेनाओं की ओर से बातचीत जारी रहेगी. लेकिन सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि पिछले तीन से चार दिनों में दोनों ओर सेनाओं की मौजूदगी बढ़ी है और जवानों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसी तनाव के बीच भारत सरकार ने चीन की कुछ ऐप्स को बैन भी किया है, ऐसे में जिसकी तल्की बॉर्डर पर भी दिख सकती है.
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