लद्दाख में भारत और चीन के बीच अभी भी तनाव बरकरार है। हालांकि दोनों देशों की सेना कुछ पीछे जरूर हट गई हैं, लेकिन 6 जून को होने वाली बैठक के बाद ही इस विवाद का हल निकल सकेगा। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई के पीएम स्कॉट मॉरिसन के साथ वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए हुए बैठक में एक बड़ा सैन्य समझौता किया है।इस समझौते के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया ने एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों का प्रयोग कर सकेंग। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता इंडो-पैसिफिक में अधिक सैन्य आदान-प्रदान और अभ्यास का रास्ता साफ करेगा। भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के बीच हुई बैठक के बाद इस आपसी लॉजिस्टिक समर्थन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
अमेरिका भी है साथ :-
भारत का संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ भी एक ऐसा ही समझौता है, जिसे क्षेत्र में चीन के बढ़ते आर्थिक और सैन्य ताकत को संतुलित करने के लिए व्यापक सुरक्षा सहयोग के रूप में देखा जाता है। चीन हमेशा से विस्तारवादी नीति अपनाता आया है और इसीलिए वह दक्षिण चीन सागर से लेकर लद्दाख तक कब्जा करने की फिराक में रहता है। ऐसे में चीन के मंसूबों को कमजोर करने के लिए भारत को इस तरह का कदम उठाना जरूरी था। हालांकि जब से दुनिया में कोरोना वायरस तेजी से फैला है, तभी से ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।
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