सर्वदलीय बैठक में सोनिया गांधी ने पूछा कि क्या सरकार को नियमित रूप से अपने देश की सीमाओं की सैटेलाइट तस्वीरें नहीं मिलती हैं? क्या हमारी खुफिया एजेंसियों ने एलएसी के आसपास असामान्य गतिविधियों की जानकारी नहीं दी? क्या हमारी खुफिया एजेंसियों ने एलएसी पर चीनी घुसपैठ की जानकारी नहीं दी? क्या सेना की इंटेलिजेंस ने सरकार को LAC पर चीनी कब्जे और भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की मौजूदगी के बारे में अलर्ट नहीं किया? क्या सरकार इसको खुफिया तंत्र की विफलता मानती है?कांग्रेस पार्टी का यह मानना है कि 5 मई से लेकर 6 जून के बीच का कीमती समय हमने गंवा दिया, जब दोनों देशों के कोर कमांडरों की बैठक हुई. 6 जून की इस बैठक के बाद भी चीन के नेतृत्व से राजनीतिक और कूटनीतिक स्तरों पर सीधे बात क्यों नहीं की गई? हम सभी मौकों का लाभ उठाने में नाकाम रहे. इसका नतीजा यह हुआ कि हमारे 20 बहादुर जवानों की दर्दनाक शहादत हो गई और कई घायल हो गए.
नीतीश ने कहा 1962 में भी चीन ने दिया था धोखा :-
जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्सा है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। हम साथ हैं। राजनीतिक दलों को कोई मतभेद नहीं दिखाना चाहिए, जिसका दूसरे देश फायदा उठा सकें। भारत के प्रति चीन का नजरिया जाहिर है। भारत चीन को सम्मान देना चाहता है, लेकिन उसने 1962 में क्या किया।नीतीश ने कहा- भारतीय बाजार में चीनी सामान की बाढ़ बहुत बड़ी समस्या है। हमें एक साथ रहना है और केंद्र को सपोर्ट करना है।
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