रिपब्लिक टीवी के एडिटर चीफ (प्रधान संपादक) अर्नब गोस्वामी से बीते दिन मुंबई पुलिस ने करीब 12 घंटे तक पूछताछ की। आपको बता दें कि एनएम जोशी मार्ग पुलिस थाने में अर्णब गोस्वामी से पूछताछ की गई, अगर आपको याद हो तो अर्णव गोस्वामी पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में शिकायत दर्ज की गई थी। पत्रकार अर्णब गोस्वामी पिछले हफ्ते सोनिया गांधी की ओरिजिनल नाम से उनको अपने टीवी चैनल पर संबोधित किया था जो कि किसी भी तरह से गलत नहीं था जिसके बाद कांग्रेस के तथाकथित गुंडों ने अर्नब गोस्वामी की कार पर हमला कर दिया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि पत्रकार अर्णब गोस्वामी की कार पर हमला करने वाले दो आरोपियों को बीते दिन मुंबई की एक अदालत ने जमानत दे दी है।
₹15000 के जमानत राशि पर आरोपियों को छोड़ा गया:-
एनएम जोशी मार्ग पुलिस ने कहा था कि गणपतराव कदम मार्ग पर दो मोटरसाइकिल सवार लोगों ने अर्णब गोस्वामी की कार के शीशे को कथित तौर पर तोड़ने की कोशिश की थी, जब शीशा नहीं टूटा तो उन्होंने कार पर कालिख पोत दी थी।अब दादर की भाई वारा अदालत के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसपी पिंपले ने ₹15000 के जमानत राशि पर दोनों आरोपियों को बीते दिन रिहा कर दिया। वहीं शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को बड़ी राहत देते हुए इनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के मामलों को 3 सप्ताह तक किसी भी दंडनीय कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया था।
पालघर में 2 साधु की निर्मम हत्या पर अर्णब गोस्वामी ने उठाई थी आवाज:-
अगर आपको याद हो तो महाराष्ट्र के पालघर में दो साधु सहित उनके ड्राइवर के साथ तीनों को बिना कारण के कुछ तथाकथित गुंडों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और बाद में इस मामले में बताया गया कि यह हत्या शक के बिनाह पर की गई थी। इस घटना को लेकर कांग्रेस की तरफ से एक भी ट्वीट नहीं किया गया, वह कांग्रेस जो दलित मामलों, मुस्लिम मामलों में छाती पीटते हुए आगे आती है और टीवी चैनलों पर, ट्विटर पर ऐसे विलाप करती है जैसे कि देश अब खतरे में है। किंतु वही जब 2 साधुओं की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई तब कांग्रेस की तरफ से एक टिप्पणी तक नहीं की गई।इसी घटना के संदर्भ में अर्णब गोस्वामी द्वारा अपने एक न्यूज़ कार्यक्रम में कांग्रेस सुप्रीमो या फिर कह सकते हैं कांग्रेस की राजमाता को उनके इटली वाले ओरिजिनल नाम से संबोधित कर दिया था जिसको लेकर कांग्रेस के गुंडे कार्यकर्ताओं में हाहाकार मच गया और उन्होंने देश के विभिन्न विभिन्न कोनों में अर्नब गोस्वामी के खिलाफ केस दर्ज किए यहां तक कि उन पर हमले भी किए गए।
न्यायालय ने अर्नब गोस्वामी पर दर्ज मामलों पर आगे की कार्यवाही पर लगा थी रोक :-
पिछले सप्ताह ही इस मामले को लेकर न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर असा की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की थी जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी कपिल सिब्बल और विवेक तंखा में अपनी अपनी दलीलें इस मामले को लेकर पेश की थी। जिसके बाद पीठ ने अपने आदेश में 22 अप्रैल 2020 को नागपुर शहर के सदर थाने में अर्नब गोस्वामी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के अलावा छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में दायर तीन अन्य प्राथमिक और 11 शिकायतों के मामलों में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। अब सवाल यह उठता है कि अर्नब गोस्वामी ने ऐसी क्या गलती की है जो उनसे इतनी लंबी पूछताछ की गई वही उन दो आरोपियों को मात्र ₹15 हजार के जमानत राशि पर क्यों रिहा किया गया,जि टीवी जगत के एक जाने-माने पत्रकार पर जानलेवा हमला किया। हम अक्सर देखते हैं कि कांग्रेसी कार्यकर्ता तथा कांग्रेसी गुंडे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा बीजेपी के अन्य नेताओं पर लगातार अपमानजनक टिप्पणी करते रहते हैं फिर उनकी सुप्रीमो सोनिया गांधी के ओरिजिनल नाम से बुलाए जाने पर इतनी दिक्कत क्यों हो गई। अगर आप अर्नब गोस्वामी को समर्थन देते हैं तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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